पटना,अर्चना आनंद।छात्राओं की रुचि अबसे Medical and Engineering विषयों की पढ़ाई में बढ़ेगी और बिहारी छात्राओं के हितों को नीतीश कुमार की सरकार ने बेहतर ढ़ंग से लिया है ।यह कहना है उन अभिभावकों का जिन्हें तकनीकी शिक्षा में आरक्षण के प्रावधानों की जानकारी हुई है। यूं तो इस विषय पर सूबे के मुख्य मंत्री नीतीश कुमार पहले ही कह चुके हैं कि यह यूनिक होगा। महिला अभिभावक सुजाता रंजन तथा शिक्षाविद डॉ.कुमुद वर्मा ने इस बाबत मुक्त कंठ से राज्य सरकार की सराहना की।
सुजाता रंजन ने माना कि मध्यम आय वर्गीय अभिभावकों के सामने इस महंगाई में,सामान्य शिक्षा देना भी काफी कठिन है।ऐसे समय में बिहार सरकार ने छात्राओं के हक में उच्च तकनीक शिक्षा का अवसर प्रदान करने का। निर्णय दे कर सराहनीय कदम उठाया है।
शिक्षाविद् डॉ.कुमुद वर्मा ने सभी स्तरों पर बिहार के मेधाविता को रेखांकित करते हुए कहा कि सभी विषयों में राष्ट्रीय स्तर पर बिहारी छात्र-छात्राओं ने अपना परचम लहराया है। अब मौका मिलेगा तो यहां की बेटियां तकनीकी शिक्षा का मशाल निश्चित जला सकेंगी । दाखिला में आरक्षण का आर्थिक आधार इन्हें बेहतर लगता है।
डॉ रश्मि झा ने कहा कि सरकार की वर्तमान तकनीकी शिक्षा नीति छात्राओं को संवल देगा साथ ही अभिरुचि भी बढेगी।उन्होंने ने सूबे में मेडिकल तथा अभियंत्रण कॉलेजों के लिए प्रस्तावित विवि के गठन को सराहा तथा कहा कि आनेवाले दिनों में विद्यार्थियों का पलायन इससे रूक सकेगा।
तकनीक सेवा से जुड़ी युवती मेधा ने बताया कि देर आए दुरूस्त आए, वाली बात बिहार सरकार की है।इन्हें इस बात से मलाल है कि विभिन्न कॉलेजों में अध्यापन कार्य के लिए व्याख्याताओं की बहाली का काम धीमी गति से चलने के कारण असुविधा होती है।
मेधा इसे भी शीध्र ही दूर करने की अपील नीतीश कुमार से कर रहीं हैं। छात्रा राशि परमार ने इस कदम की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रति आभार प्रकट किया और कहा कि बिहारी छात्र-छात्राएं मेहनत करने में किसी से भी बीस हैं ।अब बिहार की मेधा शक्ति को सुअवसर दे कर सरकार ने उच्च तकनीकी शिक्षा का नया अध्याय शुरू कर दिया है।
कुल मिला कर सूबे की नीतीश सरकार ने नौकरियों में पहले से ही35फीसदी आरक्षण का ऐलान किया हुआ है अब दाखिला लेने के लिए Medical and Engineering के दरबाजे खोल दिये गए हैं ।