केदार दास श्रम एवं समाज अध्ययन संस्थान ने प्रेस को जारी एक विज्ञप्ति में दक्षिण एशिया विश्वविद्यालय , नई दिल्ली में प्रशासन की निरंकुशता ...
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दक्षिण एशिया विश्वविद्यालय के गैर-जनतांत्रिक कार्रवाई की भर्त्सना

पटना, संवाददाता। केदार दास श्रम एवं समाज अध्ययन संस्थान ने प्रेस को जारी एक विज्ञप्ति में दक्षिण एशिया विश्वविद्यालय , नई दिल्ली में प्रशासन की निरंकुशता और छात्रों एवं शिक्षकों के खिलाफ गैर-जनतांत्रिक कार्रवाई किये जाने की तीव्र भर्त्सना की है और मांग की है कि छात्रों और शिक्षकों का निलंबन वापस लिया जाए।

विज्ञप्ति में कहा गया गय है कि केंद्र की वर्तमान सरकार दक्षिण एशिया विश्वविद्यालय, नई दिल्ली के स्वायत्त चरित्र में लगातार दखलंदाजी कर छात्रों और शिक्षकों के जनतांत्रिक एवं कानून प्रदत्त अधिकारों पर हमला कर रही है। पिछले वर्ष दक्षिण एशिया विश्वविद्यालय के छात्रों ने देय वृत्ति में की गई कटौती के खिलाफ जब विरोध जताया, तब उनके खिलाफ कार्रवाई करते हुए उनको विश्वविद्यालय से निष्कासित करने जैसी असंवेदनशील कार्रवाई की गई।

छात्रों पर की जा रही निरंकुश कार्रवाई के खिलाफ दक्षिण एशिया विश्वविद्यालय के कुछ संवेदनशील शिक्षकों ने जब आवाज उठाई और पूरे मामले को छात्र समुदाय एवं विश्वविद्यालय के व्यापक उद्देश्यों के हित में सुलझाने की अपील की, तब बजाय उनकी बातों पर गंभीरतापूर्वक विचार करने के उन पर अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू कर दी गई। विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा दिसंबर, 2022 में उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। एक जांच समिति का भी गठन किया गया, जिसने 19मई2023 को विश्वविद्यालय के चार शिक्षकों को बहुत ही अपमानजनक तरीके से एक लंबी प्रश्नावली सौंपी और समिति के सामने ही हस्तलिखित अपना उत्तर देने को कहा। आरोपित शिक्षकों ने जब अपना उत्तर देने के लिए समय की मांग की, तो उसे देने से इंकार कर दिया गया और 16.जून2023 को चार शिक्षकों – अर्थशास्त्र विभाग के डॉ. स्नेहाशीष भट्टाचार्य, कानूनी अध्ययन विभाग के डॉ. श्रीनिवास बुरा, सामाजिक विज्ञान विभाग के डॉ. इरफानुल्लाह फारूकी और सामाजिक विज्ञान विभाग के डॉ. रवि कुमार – को निलंबित कर दिया गया।

विश्वविद्यालय प्रशासन ने उनसे अपना परिचय पत्र, प्रशासन द्वारा दिया गया लैपटॉप आदि लौटा देने का निर्देश दिया है और दिल्ली से बाहर न जाने का निर्देश देते हुए प्रति कार्य दिवस को हाजिरी लगाने को कहा है।

दक्षिण एशिया विश्वविद्यालय प्रशासन के छात्रों और शिक्षकों के खिलाफ उठाए गए कदम न सिर्फ निरंकुश और गैर-जनतांत्रिक चरित्र के हैं, बल्कि विश्वविद्यालय के घोषित मूल्यों और उद्देश्यों के भी विपरीत हैं। केदार दास श्रम एवं समाज अध्ययन संस्थान विश्वविद्यालय प्रशासन और भारत सरकार से अपील करता है कि वे तत्काल छात्रों की मांग पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए उनकी समस्याओं का समाधान ढूंढें। निष्कासित छात्रों का निष्कासन वापस लें और निलंबित शिक्षकों का निलंबन तत्काल वापस लें।

Xpose Now Desk
मुकेश महान-Msc botany, Diploma in Dramatics with Gold Medal,1987 से पत्रकारिता। DD-2 , हमार टीवी,साधना न्यूज बिहार-झारखंड के लिए प्रोग्राम डाइरेक्टर,ETV बिहार के कार्यक्रम सुनो पाटलिपुत्र कैसे बदले बिहार के लिए स्क्रिपट हेड,देशलाइव चैनल के लिए प्रोगामिंग हेड, सहित कई पत्र-पत्रिकाओं और चैनलों में विभिन्न पदों पर कार्य का अनुभव। कई डॉक्यूमेंट्री के निर्माण, निर्देशन और लेखन का अनुभव। विविध विषयों पर सैकड़ों लेख /आलेख विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित। कला और पत्रकारिता के क्षेत्र में कई सम्मान से सम्मानित। संपर्क-9097342912.