जीकेसी ने मनाया महादेवी वर्मा की जयंती समारोह। मौके पर हुआ कविता पाठ। महादेवी वर्मा के व्यक्तित्व और कृतित्व पर की गी व्यापक चर्चा। सितम्बर माह में पुण्यतिथि पर महादेवी वर्मा सम्मान समारोह-2025 के आयोजन करने पर हुआ निर्णय।
पटना, मुकेश महान। पद्म सम्मान, ज्ञानपीठ सम्मान, अकादमी सम्मान सहित कई अन्य पुरस्कारों और सम्मानों से सम्मानित छायावाद की एक महत्वपूर्ण स्तंभ महादेवी वर्मा न केवल साहित्य जगत की, बल्कि देश की एक अमूल्य धरोहर हैं। 80 साल के जीवनकाल में उन्होंने महान कवियित्री, प्राचार्य, उप-कुलाधिपति तथा स्वतंत्रता सेनानी जैसे अनेक प्रकार के रुप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ये बातें के ग्लोबल कायस्थ कांफ्रेंस के ग्लोबल अध्यक्ष एवं जेडीयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने ग्लोबल कायस्थ कांफ्रेंस द्वारा आयोजित स्व महादेवी वर्मा की जयंती के अवसर पर लोगों को संबोधित करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि महादेवी वर्मा हिन्दी की सर्वाधिक प्रतिभावान कवयित्रियों में से हैं।उन्हें आधुनिक मीरा भी कहा गया है। श्री प्रसाद ने कहा कि वे छायावादी युग की प्रमुख कवियों में से एक थीं।
उनकी प्रसिद्ध काव्य रचनाएँ हैं- नीहार, रश्मि, नीरजा, सांध्यगीत, दीपशिखा और यामा। यामा के लिए उन्हें 1982 में भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया। कविता के अलावा, उन्होंने रेखाचित्र और संस्मरण जैसे गद्य साहित्य में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया।
उनकी गद्य रचनाएँ हैं- पथ के साथी, अतीत के चलचित्र तथा स्मृति की रेखाएँ।
उन्हें हिंदी साहित्य में भाषा पर सहज अधिकार के लिए जाना जाता है।
इस अवसर पर जीकेसी की प्रबंध न्यासी श्रीमती रागिनी रंजन ने कहा कि वे प्रयाग महिला विद्यापीठ की प्रधानाचार्या भी रहीं। उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्मभूषण सम्मान से भी सम्मानित किया गया। हिंदी साहित्य के महान कवि निराला उन्हें ‘सरस्वती’ नाम से पुकारते थे।
इसे भी पढ़ें- प्रदेश कार्यसमिति की बैठक की तैयारी को लेकर जीकेसी ने की चर्चा
कार्यक्रम की अध्यक्षता जीकेसी के प्रदेश अध्यक्ष दीपक अभिषेक कर रहे थे। सीसीसीआई के ग्लोबल चेयरमैन नवीन कुमार इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि थे। राजेश कुमार डब्लू,सर्वश्री संजय कुमार सिन्हा, डॉ नम्रता आनंद, नीलेश रंजन, धनंजय प्रसाद, मुकेश महान, दीप श्रेष्ठ, आशुतोष ब्रजेश, दिलीप कुमार सिन्हा, राकेश मणि, अरविंद प्रियदर्शी, राहुल मणि, विनीता कुमारी, बलिराम श्रीवास्तव,र वि शंकर प्रसाद सिन्हा, रवि सहाय, सरोज कुमार सिन्हा, प्रियदर्शी हर्षवर्धन, नित्यानंद प्रसाद, कुंदन कुमार, राजकुमार, प्रेम पंकज कुमार, राजीव, अजीत प्रकाश, श्रेयंकर सिन्हा, अमरेंद्र कंठ, ऋषि राज, डॉ कृष्ण गोपाल सिन्हा, अरविंद अकेला, संदीप स्नेह, आलोक कुमार, मीता सिन्हा, डॉ पूनम शरण, स्नेह लता, डॉ निशा पाराशर, नबीस नवेंदु, रवीन्द्र किशोर सिन्हा, अतुल श्रीवास्तव, सिडनी (ऑस्ट्रेलिया) से आए सिद्दार्थ श्रीवास्तव सहित कई लोग उपस्थित थे। ।
इस अवसर पर एक काव्य पाठ का आयोजन भी किया गया था। अपनी रचलाएं प्रस्तुत करने वालों में लब्ध प्रतिष्ठित युवा शायर समीर परिमल, दिवाकर कुमार, डा. निशा परासर,आदि प्रमुख थे।
2 Replies to “महादेवी वर्मा साहित्यिक जगत की एक अमूल्य धरोहर-राजीव रंजन”