महादेवी की जयंती पर कवि सम्मेलन। पटना,संवाददाता। "मैं नीर भरी दुःख की बदली" की अमर कवयित्री और हिन्दी के छायावाद-काल की प्रमुख स्तम्भ मही...
बिहार

महादेवी की जयंती पर साहित्य सम्मेलन में कवि-सम्मेलन, दी गयी गीतांजलि !

काव्य की ‘नीर भरी दुःख की बदली’ नहीं, स्नेह की छाया थीं महादेवी।

महादेवी की जयंती पर कवि सम्मेलन। पटना,संवाददाता। “मैं नीर भरी दुःख की बदली” की अमर कवयित्री और हिन्दी के छायावाद-काल की प्रमुख स्तम्भ महीयसी महादेवी वर्मा ने हिन्दी के विशाल काव्य-सागर में गीतों की अनेक निर्झरनियाँ गिराईं, जिनका उद्गम उनका करुणा से भरा विशाल हृदय ही था। वो हिन्दी-काव्य की आत्मा थीं। भले ही उनका हृदय ‘नीर भरी दुःख की बदली’ से आच्छादित रहा हो, वो दुःख की बदली नहीं, स्नेह की छाया थीं।
यह बातें बुधवार को, बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन में महादेवी जयंती पर आयोजित कवि-सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए, सम्मेलन अध्यक्ष डा अनिल सुलभ ने कही। उन्होंने कहा कि महादेवी के गीतों ने हज़ारों-लाखों आँखों के आँसू पोछे हैं। उनके गीतों ने समाज के जीवन में राग उत्पन्न कर, उल्लास और उत्साह के नए रंग और रस प्रदान किए हैं। वो काव्य-साहित्य में करुणा और स्त्री-चेतना की प्रमुख कवयित्री हैं, जिन्हें आधुनिक मीरा भी कहा जाता है ।
अतिथियों का स्वागत करते हुए सम्मेलन के साहित्यमंत्री भगवती प्रसाद द्विवेदी ने कहा कि हिन्दी-काव्य के छायावाद-युग के चार प्रमुख स्तम्भों में से एक महीयसी महादेवी वर्मा ने हिन्दी काव्य में अमूल्य योगदान दिया। बाल्य-काल से ही उनकी कविता में रुचि थी। उनका सारा जीवन संघर्षपूर्ण रहा जो उनके गीतों में, करुणा और पीड़ा के रूप अभिव्यक्त हुआ है।
सम्मेलन के उपाध्यक्ष डा उपेन्द्रनाथ पाण्डेय ने कहा कि महादेवी का नाम लेते ही कविकुल गुरु रवीन्द्रनाथ ठाकुर का स्मरण होता है। दोनों ही साहित्य और कला के विशेष आग्रही थे। विषय और विधान के सूक्ष्म अंतर को समझते थे।
इस अवसर पर आयोजित कवि-सम्मेलन का आरंभ चंदा मिश्र ने वाणी-वंदना से किया। सम्मेलन के उपाध्यक्ष डा शंकर प्रसाद, डा मधु वर्मा, वरिष्ठ कवि बच्चा ठाकुर, आरपी घायल, डा रत्नेश्वर सिंह, डा मेहता नगेंद्र सिंह, डा पूनम आनन्द, डा पुष्पा जमुआर, डा अर्चना त्रिपाठी, श्याम बिहारी प्रभाकर, डा मीना कुमारी परिहार, कुमार अनुपम, डा ओम् प्रकाश पाण्डेय, पं गणेश झा, सुनील कुमार, मीरा श्रीवास्तव, पंकज प्रियम, सुनीता रंजन, शंकर शरण आर्य, सदानन्द प्रसाद, संजय लाल चौधरी, वीणा कुमारी, अनुपमा सिंह, ई अशोक कुमार, सूर्य प्रकाश उपाध्याय,श्रीकांत व्यास, बाँके बिहारी साव, अरुण कुमार श्रीवास्तव, आदि कवियों और कवयित्रियों ने अपनी रचनाओं से कवि-सम्मेलन को अंत तक जीवंत और रोचक बनाए रखा।

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मंच संचालन कवि ब्रह्मानंद पाण्डेय ने तथा धन्यवाद-ज्ञापन कृष्ण रंजन सिंह ने किया।
इस अवसर पर, वरिष्ठ लेखिका विभा रानी श्रीवास्तव, डा. रमा कुमारी, डा प्रेम प्रकाश, डा चंद्रशेखर आज़ाद, अमीरनाथ शर्मा, संजय लाल चौधरी, अश्विनी कुमार, मनोज कुमार आदि बड़ी संख्या में प्रबुद्धजन उपस्थित थे।

Xpose Now Desk
मुकेश महान-Msc botany, Diploma in Dramatics with Gold Medal,1987 से पत्रकारिता। DD-2 , हमार टीवी,साधना न्यूज बिहार-झारखंड के लिए प्रोग्राम डाइरेक्टर,ETV बिहार के कार्यक्रम सुनो पाटलिपुत्र कैसे बदले बिहार के लिए स्क्रिपट हेड,देशलाइव चैनल के लिए प्रोगामिंग हेड, सहित कई पत्र-पत्रिकाओं और चैनलों में विभिन्न पदों पर कार्य का अनुभव। कई डॉक्यूमेंट्री के निर्माण, निर्देशन और लेखन का अनुभव। विविध विषयों पर सैकड़ों लेख /आलेख विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित। कला और पत्रकारिता के क्षेत्र में कई सम्मान से सम्मानित। संपर्क-9097342912.

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