चमोली (उत्तराखंड)। बीते सात फरवरी को ग्लेशियर पिघलने से चमोली में आई प्राकृतिक आपदा के बाद रेस्कयू ऑपरेशन अब भी जारी है। मंगलवार को डीआईजी और राज्य पुलिस के प्रवक्ता निलेश आंदन भरने ने कहा, “इसमें से 55 शवों और 20 मानव अंगों का अंतिम संस्कार डीएनए नमूने एकत्र करने के बाद किया गया है।”
लेकिन पुलिस का मानना है कि ये सभी 20 मानव अवशेष 20 अलग-अलग व्यक्तियों से संबंधित नहीं हैं, जिसका मतलब है कि एक या दो से अधिक अंग एक व्यक्ति से संबंधित हो सकते हैं।
पूछने पर भरने ने भी इस संभावना को खारिज नहीं किया। उन्होंने कहा, “यह संभव है कि दो अंग एक व्यक्ति के हो।”
हालांकि, भरने ने कहा कि डीएनए के नमूने इस बाढ़ में मारे गए व्यक्तियों की पहचान के बारे में पूरी तरह स्पष्ट कर देंगे। बाढ़ ने एनटीपीसी के तपोवन जलविद्युत परियोजना को आंशिक रूप से नुकसान पहुंचाने के अलावा ऋषिगंगा जल विद्युत परियोजना को पूरी तरह से तबाह कर दिया।
अब तक बरामद 58 शवों में से 31 की पहचान हो चुकी है। उन्होंने कहा कि देहरादून में एक फोरेंसिक प्रयोगशाला में सभी शवों और मानव अवशेषों के डीएनए नमूने संरक्षित किए जा रहे हैं।
रुद्रप्रयाग के पुलिस अधीक्षक (एसपी) आयुष अग्रवाल की देखरेख में, 49 शवों के सैंपल और 56 परिवार के सदस्यों के डीएनए नमूने मिलान के लिए फोरेंसिक प्रयोगशाला में भेजे गए हैं।
इसके अलावा, शवों की तस्वीरें और वीडियोग्राफी और उनके आभूषण और अन्य पहचान चिह्न् भी संरक्षित किए जा रहे हैं। जोशीमठ पुलिस स्टेशन में अब तक 179 लापता व्यक्तियों से संबंधित एफआईआर दर्ज की गई है।
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