आरा . बिहार चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के अंतर्गत संचालित आशा कार्यकर्ता, ममता व कुरियर की संघर्ष समिति के तत्वाधान में सदर पीएचसी के समक्ष पांच मांगों को लेकर प्रदर्शन किया गया। दो दिवसीय 25 व 26 मार्च को राज्यव्यापी हड़ताल के पहले दिन 25 मार्च को सदर पीएचसी के समक्ष प्रसव तथा टीकाकरण कार्यक्रम से जुड़े आशा, ममता व वैक्सीन कुरियर जैसे स्कीम वर्कर ने खुद को सरकारी सेवक घोषित करने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया.
इतना ही नहीं न्युनतम मजदूरी 21000 रुपए तय करने, मिलने वाले प्रोत्साहन राशियो में बढ़ोत्तरी, सभी स्कीम वर्कर को सरकारी योजनाओ से जोड़कर मुफ्त अनाज देने, महंगाई पर रोक लगाने, प्रोत्साहन राशि भुगतान में हो रहे कथित भ्रष्टाचार पर रोक लगाने तथा पिछले दिनों हुए आशा कार्यकर्ताओं के हड़ताल के दौरान सरकार के समझौते के सभी बिन्दुओं को लागू करने की मांग के साथ दो दिवसीय हड़ताल की शुरूआत हुई।
मौके पर संबोधित करते राज्य महामंत्री विश्वनाथ सिंह ने कहा कि सरकार टीकाकरण व कोरोना जांच में आशा, ममता व वैक्सीन कुरियरों के साथ दोरंगी नीति अपना रही है। इनका न्युनतम मजदूरी तय नहीं सरकार कर रही है जो उचित नहीं है। बार-बार आंदोलन होने के बावजूद सरकार मौन है और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी ध्यान नहीं दे रहे है।
इसके साथ ही प्रोत्साहन राशि भुगतान में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है। इसपर भी रोक लगानी चाहिए जो मांगों शामिल भी है। इस अवसर पर विभिन्न प्रखंडो मे सभा भी आयोजित की गयी। जिला सचिव सुबेश सिंह ने कहा कि 26 मार्च को भी हड़ताल जारी रहेगी। जिस तरह से महंगाई बढ़ रही उसमें स्वास्थ्यकर्मियों घर का खर्चा चलाने में भी परेशानी आ रही है। संबोधित करनेवालों में अध्यक्ष विनोद यादव, आशा शकुन्तला कुमारी, वैक्सिन कुरियर के रघुबर पासवान थे।