फतुहा। शहर एंव ग्रामीण क्षेत्रों में लोक आस्था का महापर्व Chaiti Chhath व्रत पर हजारों छठव्रतिओं ने शनिवार को गंगा स्नान कर खरना का प्रसाद बनाकर शाम में खरना किया। इस दौरान नदी थाना क्षेत्र के सबलपुर, कच्चीदरगाह, जेठुली, मौजीपुर, फतुहा के मस्तानाधाट, त्रिवेणीघाट, कटैया घाट, मौनिया घाट, दरियापुर, रायपुरा, मकसूदपुर गंगा घाटों पर छठव्रतिओं की काफी भीड़ देखी गई।
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जबकि कोरोना के बीच घाटों पर छठ पूजा करने को सरकार और प्रशासन के द्वारा मनाही है। ऐसे में Chaiti Chhath व्रतियों ने घर पर ही गंगा जल मिलाकर पूजा पाठ किया। लेकिन गंगा घाट पर व्रतियों ने स्नान-ध्यान और पूजा किया। चैती छठ के चार दिवसीय अनुष्ठान के तहत शुक्रवार को व्रतियों ने नहाय-खाय का पूजन पूरे पवित्रता व निष्ठा के साथ संपन्न की।
हालांकि कोरोना महामारी के कारण इस बार व्रतियों को बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। व्रतियों ने घर पर ही जल में गंगाजल मिलाकर बहुत आस्था के साथ नहाय-खाय संपन्न की। नहाय-खाय में लौकी का प्रसाद बनाना होता है, जो कि इस बार बाजार में कम और महंगा होने के बावजूद ही व्रती ने इसकी व्यवस्था कर विधि को पूरा किया। कल व्रती खरना (लोहंडा) की पूजा में खीर, रोटी, मौसमी फल का प्रसाद बनाकर इसे पूजा के बाद ग्रहण कर 36 घंटे का निर्जला उपवास की संकल्प ली थी ।
भारतीय ज्योतिष विज्ञान परिषद के सदस्य कर्मकांड विशेषज्ञ ज्योतिषाचार्य पंडित राकेश झा ने बताया कि चैती छठ पर ग्रह-गोचरों का युग्म संयोग बन रहा है। कल शोभन योग था। यह योग अति फलदाई होती है। सूर्यदेव को रविवार को रवियोग में सायंकालीन अर्घ्य और सोमवार को भगवान भास्कर को सुकर्मा योग में अर्घ्य देकर व्रती संकल्पित अनुष्ठान संपन्न कर पारण करेंगी।
समाजसेवी अनिल राज इस बारे में बताते हैं कि ऐतिहातन सभी व्रतियों से आग्रह है कि वे घर पर ही छठ पूजा करें।