काशी एवं अयोध्या की भांति दीपोत्सव आयोजित। एक साथ जगमगा उठे सवा लाख दीप। सोनपुर, विश्वनाथ सिंह। पवित्र गंगा और गंडक की संगम स्थली हरिहर क्षेत्र में दीपावली की रात्रि सवा लाख दीपदान महा महोत्सव का आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। यह आयोजन हरिहर क्षेत्र (सारण एवं वैशाली) के स्वयंसेवी संस्थानों द्वारा आयोजित किया गया था। इसके अंतर्गत कालीघाट से लेकर नमामि गंगे पुल घाट तक लगभग आधा किलोमीटर से अधिक दूरी में घाटों का अत्यंत मनोरम एवं कलात्मक रूप से दीप श्रृंगार किया गया।
बिहार में प्रथम बार आयोजित इस प्रकार के दीपदान महाश्रृंगार महोत्सव में सदानीरा नारायणी शालिग्रामी नदी की छटा अद्भुत रूप में निखर रही थी। संध्या सात बजते ही प्रबंध समिति द्वारा निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार एक बार में सवा लाख से अधिक दीप कालीघाट से कष्टहरिया घाट होते हुए आगे नौलखा मंदिर घाट एवं नमामि गंगे पुल घाट पर जगमगाने लगे।
इस अवसर पर अनेक मठ मंदिरों के धर्माचार्य एवं विभिन्न मतों के पंथ-प्रधान सहित लगभग पच्चीस हजार से अधिक स्थानीय नागरिकों ने कार्यक्रम में भाग लिया और भगवान श्रीरामचंद्र जी के अयोध्या आगमन की स्मृति में आयोजित दीपोत्सव के इस सुखद आनंद के साक्षी बने।
दीपोत्सव के मुख्य अतिथि के रुप में बाबा हरिहरनाथ न्यास समिति के अध्यक्ष एवं प्रसिद्ध कथा वाचक भाई गुप्तेश्वर पांडे जी महाराज (पूर्व डीजीपी बिहार) उपस्थित थे, जिन्होंने इस कार्यक्रम की भूरी भूरी प्रशंसा की एवं आगे भी इस प्रकार सनातन संस्कृति को सुसंस्कृत करने वाली प्रथाओं एवं परंपराओं के आयोजन पर बल दिया।
उन्होंने अपने संबोधन में भगवान रामचंद्र जी के अयोध्या आगमन की चर्चा की एवं कहा कि आज जिस सुखद अनुभूति से हम लोग आह्लादित हो रहे हैं, संभवतः इसी प्रकार तब अयोध्या आगमन पर अयोध्यावासी भी आनंदित हुये होंगे। आज यह क्षण हरिहर क्षेत्र ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण बिहार के लिए अत्यंत गौरवशाली क्षण है। इस प्रकार के पारंपरिक कार्यक्रम का वृहद आयोजन करने के लिए उन्होंने हरिहर क्षेत्र की जनता को विशेष रूप से बधाई दी। आयोजन समिति द्वारा इस अवसर पर बहुत सुंदर चाक चौबंद व्यवस्था की गई थी।
घाटों पर दीप श्रृंगार प्रबंधन एवं सुरक्षा के लिए हजारों की संख्या में स्वयंसेवी तैनात किए गए थे। सुरक्षा के दृष्टिकोण से नदी में दर्जनों छोटे बड़े नावों का प्रबंध किया गया था। इस दिन दीपावली होते हुए भी स्थानीय लोगों की अच्छी भागीदारी एवं उपस्थिति रही तथा लोगों ने अपने घर में दीप जलाकर इस कार्यक्रम के लिए भी अपने हाथों से यथासंभव दीप प्रज्वलित किए।
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उल्लेखनीय है कि इस क्षेत्र के कुम्हार समाज के लिए भी यह कार्यक्रम आर्थिक रूप से लाभप्रद रहा। बाढ़ की विभीषिका झेल चुके इस क्षेत्र के स्थानीय कुम्हार समाज के लोगों ने विपरीत परिस्थितियों में भी अतिरिक्त दीप निर्माण कर सहयोग किया। गोला बाजार मंडी के व्यापारियों ने भी इसमें स्वत:स्फूर्त अभूतपूर्व सहयोग किया एवं इस कार्यक्रम में रुचि ली। कार्यक्रम की सफलता से आयोजक तो उत्साहित हैं ही इस क्षेत्र में यह चर्चा का विषय भी बना हुआ है।