अब स्पाइन, पेलविक और कम्पलेक्स फ्रैक्चर की सर्जरी में 99.9 प्रतिशत सफलता की उम्मीद ।
पटना, मुकेश महान। पटना के एक बड़े अस्पताल सिसरो अस्पताल में बिहार झारखंड का पहला ओ-आर्म नेविगेशन मशीन आ चुकी है। और जल्द ही इसे अस्पताल में इंस्टॉल कर दिया जाएगा। हालांकि स्पाइन, पेलविक और हड्डियों के जटिल फ्रेक्चर सर्जरी में इसका इस्तेमाल शुरु कर दिया गया है। यह दावा है सिसरो अस्पताल प्रमुख डा. महेश कुमार का।
डा. महेश कुमार कहते हैं मेट्रोनिक्स,यूएसए विश्व की बेहतरीन कंपनी है। सिसरो ने इसी कंपनी से ओ-आर्म सिस्टम परचेज किया है। इसी के साथ सिसरो अस्पताल बिहार और झारखंड का पहला अस्पताल बन गया जहां यह अत्याधुनिक मशीन मरीजों के लिए उपलब्ध होगी।
खास बात है कि एसेसरीज सहित इस मशीन की कीमत लगभग 9 करोड़ रूपए बताई जाती है। इस बावत डा. महेश कहते हैं कि मशीन की कीमत ज्यादा जरूर है, लेकिन मरीजों की जान से ज्यादा नहीं है। हमारा अस्पताल अपनी बेहतर सुविधा और सेवा के लिए जाना जाता है। यह मशीन जटिल से जटिल सर्जरी में भी 99.9 प्रतिशत सफलता दिलाती है। हमें खुशी है कि हम बिहार में पहली बार यह मशीन लेकर आए हैं।
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यह मशीन 3-डी इमेज के साथ तकनीकी तौर पर आपरेशन के समय सर्जरी कर रहे डाक्टरों को सहयोग तो करता ही है साथ में मार्ग दर्शन भी देता रहता है ताकि कोई चूक न हो जाए या रह जाए। इसीलिए इसे 99.9 प्रतिशत सफलता की गारंटी माना जाता है।
सिसरो अस्पताल सगुना मोड़ के पास नया टोला में अवस्थित है। सिसरो अस्पताल का टैगलाइन ही है टेकनोलॉजीज मेकिंग सर्जरीज सेफ, एक्यूरेट एंड फास्ट। इसी के तहत लगातार सिसरो काम कर रहा है। सिसरो मतलब सेंटरल इंस्टीच्यूट ऑफ स्पाइन रिहैविलिटेशन एंड ऑर्थोपेडिक्स। सिसरो को पूर्वी भारत का पहला स्पाइनल (रीढ़) केयर सेंटर होने का गौरव भी प्राप्त है। यह अस्पताल सुपर स्पेशलिटी ऑर्थो एवं ज्वाइंट सेटर के तौर पर जाना जाता है।