जू सफारी में जानवर खुले में विचरण करेंगे और पर्यटक वाहन में बैठकर इसका आनंद ले सकेंगे- मुख्यमंत्री। पटना, संवाददाता। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज शिलापट्ट का अनावरण एवं फीता काटकर राजगीर में जू सफारी (वन्य प्राणी सफारी) का लोकार्पण किया। गौरतलब है कि वन्य प्राणी सफारी 480 एकड़ क्षेत्रफल में फैला हुआ है। सफारी के निर्माण में 176 करोड़ रुपये की लागत आयी है। राजगीर सफारी निर्माण में गुणवत्ता एवं उच्चस्तरीय पर्यटक सुविधाओं का पूरा ध्यान रखा गया है।
मुख्यमंत्री ने जू सफारी परिसर में स्थापित भगवान बुद्ध की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया और लगभग पूरे जू सफारी मौके पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राजगीर जू सफारी के उद्घाटन हुआ है, यह बड़ी खुशी की बात है। वर्ष 2016 में जू सफारी का शिलान्यास किया गया था। इसके बाद इसका डिजाइन बना और इसको लेकर विभाग काफी सक्रिय रहा।
शिलान्यास के बाद निर्माणाधीन जू सफारी का हमें अनेक बार अंदर से देखने का मौका मिला है। उसी समय हमने कहा था कि नेचर सफारी जो यहां बन रहा है, उसके बगल में काफी वन क्षेत्र है इसलिए यहां जू सफारी भी बने। नेचर सफारी को काफी लोगों ने पसंद किया है। अब जू सफारी भी लोगों को काफी पसंद आयेगी। उन्होंनेकहा कि यहां पर्यटकों के लिए फोटो एवं सेल्फी प्वाइंट भी बनाया गया है। बाघ, शेर, भालू, तेंदुआ और हिरण को यहां रखने का निर्णय हुआ है। हिरण यहां पहले से थे, जिन्हें हर्बीवोरस सफारी में रखा गया है। इन जानवरों के लिए पांच अलग-अलग बड़े इन्क्लोजर (बाड़े) बनाए गए हैं जिनमें पर्यटक सुरक्षित वाहनों में बैठकर जंगली जानवरों को उनके प्राकृतिक वातावरण में नजदीक से देख सकेंगे।
उन्होंने कहा कि इस सफारी बनाने का मकसद यह है कि यहां जानवर खुले में विचरण कर सकें और देखने वाले वाहन में बैठकर इसका आनंद लें सकें। राजगीर जू सफारी में पर्यटकों के भ्रमण के लिए 20 वाहन खरीदे गये हैं। एक वाहन में 22 पर्यटक बैठकर भ्रमण कर सकते हैं। फिलहाल राजगीर जू सफारी में 2 बाघ, 7 शेर, 2 तेंदुआ, 2 भालू एवं 200 के करीब की संख्या में हिरण हैं।सफारी में पांचों प्रकार के जानवरों की सुरक्षा, भोजन, आवासन एवं चिकित्सा का पूरा प्रबंध किया गया है। यहां इंट्री प्वाइंट बन गया है। हर्बीवोरस सफारी, लेपर्ड सफारी, टाइगर सफारी सहित पांचों जगहों पर इंट्री प्वाइंट बन गया है। जू सफारी के भ्रमण में करीब डेढ़ घंटे का समय लगेगा। अब पर्यटक यहां आकर जू सफारी का भ्रमण कर सकेंगे। यहां जो खाली जगह है उस पर वृक्षारोपण कराया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां जो नेचर सफारी बना है, वहां तक जाने के लिये सोन भंडार और जरासंध के अखाड़े को पार करना पड़ता है। इसको ध्यान में रखते हुए जू सफारी की बाउंड्री के बगल से नेचर सफारी तक सुगमतापूर्वक आवागमन हेतु रास्ता बनाया जायेगा। सोन भंडार और जरासंध का अखाड़ा ऐतिहासिक स्थल है, जिसे देखने के लिए बड़ी संख्या में पर्यटक पहुचते हैं। जू सफारी के बगल से अच्छी बाउंड्री बनायी जायेगी ताकि आसानी से पर्यटक नेचर सफारी तक पहुंच सकें।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां बना ग्लास स्काई वॉक भी काफी लोकप्रिय हो गया है जो देश में कहीं नहीं है। वेणुवन में भगवान बुद्ध रहा करते थे, जिसे विकसित एवं विस्तारित किया गया है ताकि नई पीढ़ी के लोग यहां आकर इससे अवगत हो सकें। पांडू पोखर का भी सौंदर्याकरण किया गया है। यहां जो पंच पहाड़ी है उसका संरक्षण किया जा रहा है एवं यहां पर पौधारोपण का कार्य भी कराया गया है।
नालंदा विश्वविद्यालय के लिए भी काम किया गया। बिहार में पहला अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर राजगीर में बनवाया गया इसे भूलियेगा मत। यह काफी लोकप्रिय हो गया है। अब देश के अन्य हिस्सों से भी लोग आकर यहां मीटिंग करते हैं। बिहार का दूसरा कन्वेंशन सेंटर पटना में सम्राट अशोक के नाम पर बनाया गया। अब बोधगया में बोधि सांस्कृतिक गृह का निर्माण किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बचपन से हम यहां कुंड में नहाने आते रहे हैं। राजगीर में पाँच समुदाय से जुड़े ऐतिहासिक स्थल हैं। हर धर्म के लोग यहां आते हैं। यहां पंच पहाड़ी के चारों तरफ जो साइक्लोपियन वॉल है, यह दुनिया में एक ही जगह है। विश्व धरोहर की सूची में नालंदा विश्वविद्यालय के बाद इसको शामिल कराने के लिए हमलोग प्रयासरत हैं।