नशा मुक्त परिवार बनाने में बच्चों की भी अहम भूमिका हो सकती है। यदि ज्ञान और संस्कार सही तरीके से समय पर उन्हें मिले तो बच्चे भी अपने परिवार ...
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नशा मुक्त परिवार बनाने में बच्चों की भी अहम भूमिका हो सकती है : डा. नम्रता आनंद

नशा मुक्त परिवार बनाने में बच्चों की भी अहम भूमिका डा हमें भोजन चाहिए, तम्बाकू नहीं, मैं तम्बाकू मुक्त जीवन का संकल्प लेता हूं, और अपने स्वास्थ्य की रक्षा करें, तम्बाकू को न कहें- जैसे स्वर गूंजते रहे सरकारी स्कूल माध्यमिक विद्यालय सिपारा में। मौका था तम्बाकू निषेध दिवस का।

पटना, संवाददाता। नशा मुक्त परिवार बनाने में बच्चों की भी अहम भूमिका हो सकती है। यदि ज्ञान और संस्कार सही तरीके से समय पर उन्हें मिले तो बच्चे भी अपने परिवार को नशा मुक्त बनाने में अहम भूमिका निभा सकते हैं। ये बातें स्कूल शिक्षिका और समाज सेविका डा. नम्रता आनंद ने तम्बाकू निषेध दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम में विद्यालय प्रांगण में कही। कार्यक्रम नशा मुक्त भारत अभियान के तहत प्रजापिता ब्रहमाकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित किया गया था।
प्रजापिता ब्रहमाकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की एतवारपुर इकाई की ब्रहमकुमारियों ने बच्चों में आध्यात्मिक ज्ञान और संस्कार पर चर्चा की और ओम का जाप भी कराया। साथ ही यह भी बताया कि वो अपने परिवार को कैसे नशामुक्त बनाया जा सकता है।
बच्चों को बताया गया कि जब भी उनके परिवार में पापा या भइया खैनी,तम्बाकू, बीड़ी सिगरेट या शराब का सेवन कर रहे हों तो उन्हें तत्काल रोकना चाहिए और समझाना चाहिए कि इससे कई तरह की बीमारियों हो सकती है, उनका जीवन खराब हो सकता है।

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इतना ही नहीं बच्चों को यह भी बताया गया कि अगर आपसे कोई खैनी,तम्बाकू या बीड़ी सिगरेट लाने को कहे तो पैसे लेकर बाजार जाकर इन चीजों की जगह आप दो इलायची दाना या टॉफी खरीद कर उन्हें दे दें। ऐसे में आपको उनसे डांट पड़ सकती है लेकिन आप अगर डांट सुनकर भी लगातार ऐसा करते रहेंगे तो उनकी आदत में कमी आएगी, हो सकता है कि उनकी आदत छूट भी जाए।

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ब्रह्म कुमारियों ने बच्चों को आज्ञाकारी बनने, जिम्मेदार और इमानदार बनने की सीख भी दी। इसके साथ ही सफल जीवन के कई गुर सिखाए। बच्चों को ये सीख ब्रह्मकुमारी उमा, ब्रह्मकुमारी साक्षी और ब्रह्मकुमारी सालोनी दे रही थीं।
मौके पर प्रिंसिपल कृष्ण नंदन प्रसाद ने कहा स्कूल में ऐसे कार्यक्रम की जरूरत होती है। इससे बच्चे रिफ्रेश महसूस तो करते ही हैं, साथ ही साथ ही एकेडमिक ज्ञान से परे सामाजिक ज्ञान से भी सहजता से रूबरू होते हैं।
कार्यक्रम में स्कूल की शिक्षिका नीलम शर्मा, मंजू कुमारी,पद्मावती कुमारी,आभारी कुमारी शर्मा,उर्मिला देवी, संगीता कुमारी, श्वेतारिणी सहित स्कूल के सभी बच्चे उपस्थित थे।