पटना, संवाददाता। चाणक्य राष्ट्रीय विधि विश्विद्यालय, चाइल्ड राइट्स सेन्टर द्वारा यूनिसेफ की सहायता से शोध कर बाल श्रम, बाल तस्करी, एवं बच्चों के पलायन पर मानक संचालन प्रक्रिया का मसौदा तैयार किया जा रहा है। इसके लिए फोकस ग्रुप डिस्कशन सफलतापूर्वक संपन्न किया गया।
यह डिस्कशन कुल तीन चरणों में सम्पन्न किया गया। पहला चरण राज्य स्तरीय था। इसके तहत बिहार सरकार के विभिन्न विभागों, जैसे समाज कल्याण विभाग, श्रम विभाग, अधिवेशन विभाग, राज्य विधिक सहायता केंद्र, जिला विधिक सहायता केंद्र एवं सभी नागरिक समाज संगठन द्वारा सम्पन्न किया गया। वहीं दूसरे चरण में फोकस ग्रुप डिस्कशन जिलास्तरीय था, जिसमें जिला बाल संरक्षण इकाई, बाल कल्याण समिति, विशेष लोक अभियोजक तथा एन्टी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट आदि शामिल किये गए थे।
तीसरे चरण में डिस्कशन समुदाय स्तर पर आयोजित किया गया था। इसके तहत प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकगण, पंचायती राज के सदस्यगण, प्रथम आर्गेनाईजेशन के द्वरा बाल मजदूरी से बचाये गए बच्चें एवं कुछ अभिभावक तथा धर्मगुरुओं को शामिल किया गया था। के साथ संपन्न किया गया। तीनों चरणों में बाल श्रम, बाल तस्करी, एवं बच्चों के पलायन पर विस्तार से विमर्श किया गया था।
यह रिसर्च स्टडी बिहार एवं उत्तर प्रदेश के बच्चों को ध्यान में रखकर तैयार किया जा रहा है। इसकी महत्वपूर्ण खोज आने पर दोनों राज्यों की सरकारों को सौंपी जाएगी। इस पूरे कार्यक्रम को कराने में चाणक्य राष्ट्रीय विधि विश्विद्यालय, चाइल्ड राइट्स सेंटर के कोऑर्डिनेटर्स डॉ. अमन एवं चंदन की अहम भूमिका रही।