भारत ने बांग्लादेश के कोमिला जिले में हिंदू परिवारों के खिलाफ हुई हिंसा पर कड़ी नाराजगी जाहिर की है। विदेश मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि हमने कोमिला जिले के मुरादनगर में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों पर हुई हिंसा की वारदातों की रिपोर्टें देखी हैं। हमारा उच्चायोग स्थानीय अधिकारियों के संपर्क में है जो इस मामले की छानबीन कर रहे हैं। ये घटनाएं बहुत गंभीर हैं। विदेश मंत्रालय की मानें तो इन मामलों को वहां के अधिकारियों के सामने बड़ी मजबूती के साथ उठाया गया है।विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने शनिवार को कहा कि हमें सूचित किया गया है कि कानून प्रवर्तन अधिकारी हिंसा के मामलों की छानबीन कर रहे हैं। भविष्य में ऐसी घटनाएं नहीं हों इसके लिए वह सतर्कता बरत रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि उक्त घटनाओं को वहां के अधिकारियों के सामने उठाया है। विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को बताया कि अधिकारी मामले की जांच कर रहे हैं। बता दें कि इस हफ्ते के शुरू में कुछ कट्टरपंथी मुस्लिमों ने कई हिंदुओं के मकानों में तोड़-फोड़ की और उन्हें आग के हवाले कर दिया था।
कल शुक्रवार को ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन के दौरान इस बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा था कि भारतीय उच्चायोग इस मामले को लेकर स्थानीय अधिकारियों के संपर्क में है। बांग्लादेश के अधिकारियों ने इस घटना को गंभीरता से लिया है और कानून प्रवर्तन एजेंसियां हिंसा की जांच कर रही हैं। बांग्लादेशी अधिकारियों के अनुसार, हिंसा की यह घटना तब हुई जब फ्रांस में रहने वाले बांग्लादेश के एक नागरिक ने कथित तौर पर अमानवीय विचारधारा के खिलाफ राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों के कदमों की सराहना की। उल्लेखनीय है कि बीते दिनों लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने इस घटना पर चिंता जताते हुए सरकार से कहा था कि वह बांग्लादेश की सरकार के साथ तुरंत इस मसले पर बातचीत करे। चौधरी ने बांग्लादेश में मंदिरों पर हुए हमलों का जिक्र करते हुए कहा कि वहां अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय कट्टरपंथियों के निशाने पर है। उन्होंने कहा था कि बांग्लादेश में फेसबुक पर फैली अफवाहों के चलते कम से कम 15 हिंदू मंदिरों को निशाना बनाया जा चुका है। इन घटनाओं के चलते वहां रह रहे हिंदू परिवार खौफजदा हैं।