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Lakshmi Vilas Bank का नाम बदलकर DBS Bank India हुआ

रिजर्व बैंक ने बताया कि DBS Bank India सभी जरूरी इंतजाम कर रहा है ताकि लक्ष्मी विलास बैंक के सभी कस्टमर्स को जो सुविधाएं मिलती हैं वो उन्हें दी जाएं. एक तरह से कहा जाए तो लक्ष्मी विलास बैंक का अस्तित्व अब खत्म हो चुका है.

गुरुवार को मोदी कैबिनेट ने लक्ष्मी विलास बैंक का DBS Bank India Ltd. में विलय की मंजूरी दे दी. अब बैंक पर लागू मोराटोरियम पीरियड 16 दिसंबर से घटकर 27 नवंबर रह गया. अब बैंक के ग्राहकों पर अपना पैसा निकालने को लेकर कोई प्रतिबंध नहीं है. कैबिनेट के बाद हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रकाश जावडेकर ने बताया कि 4,000 कर्मचारियों की सेवाएं भी सुरक्षित रहेंगी. उन्होंने कहा कि लक्ष्मी विलास बैंक की वित्तीय सेहत खराब करने वालों सजा दी जाएगी.

जावडेकर ने कहा कि 20 लाख ग्राहक और 20,000 करोड़ रुपये की जमा पूंजी अब पूरी तरह सुरक्षित है, चिंता करने की जरूरत नहीं है और न ही भागदौड़ करने की जरूरत है. उनकी जमा सुरक्षित हाथों में है. हालांकि, DBIL की लिक्विडिटी की स्थिति काफी अच्छी है, विलय के बाद DBS इसमें 2,500 करोड़ रुपये की अतिरिक्त पूंजी भी डालेगा.आपको बता दें कि सरकार ने 17 नवंबर को रिजर्व बैंक को संकट में फंसे लक्ष्मी विलास बैंक पर 30 दिन का प्रतिबंध लगाने को कहा था. खाताधारक 25,000 रुपये से ज्यादा रकम नहीं निकाल सकते थे. रिजर्व बैंक ने लक्ष्मी विलास बैंक के DBIL में विलय की योजना का मसौदा भी पेश किया था. इसके बाद लक्ष्मी विलास बैंक के बोर्ड को भंग कर दिया गया. और केनरा बैंक के पूर्व गैर-कार्यकारी चेयरमैन टी एन मनोहरन को 30 दिन के लिए बैंक का प्रशासक नियुक्त किया था.