सुरंग में मिले पांच और शव।
चमोली(उत्तराखंड)। चमोली में पिछले सात फरवरी को ग्लेशियर पिघलने से आई आपदा का बचाव कार्य अगले तीन से चार दिनों में खत्म हो सकता है। प्रदेश के पुलिस निदेशक अशोक कुमार ने कहा कि मुझे लगता है कि बचाव अभियान 3-4 दिनों में समाप्त हो सकता है। उस समय तक हम सब कुछ कवर कर सकते हैं, लेकिन अगर जरूरत पड़ी, तो बचाव अभियान और अधिक दिनों तक जारी रह सकता है..अगले एक महीने तक भी।
इस बीच, बचावकर्मियों को उत्तराखंड के चमोली जिले में आपदा प्रभावित तपोवन परियोजना की एक सुरंग के अंदर पांच और शव मिले। रविवार रात से लेकर अब तक बरामद शवों की कुल संख्या 54 तक पहुंच गई है।
अधिकारियों ने कहा कि सुरंग के अंदर खुदाई के काम के दौरान अब तक नौ शव मिले हैं। रैणी क्षेत्र से सात शव बरामद किए गए जहां बाढ़ में ऋषिगंगा परियोजना नष्ट हो गई थी। रविवार की रात से पांच और शवों की बरामदगी के साथ मृतकों की संख्या 54 हो गई है। 7 फरवरी की सुबह के जलप्रलय के बाद लगभग 200 लोग लापता हो गए थे।
7 फरवरी की बाढ़ के बाद यह पहली बार है जब बचाव दल सुरंग के अंदर शव खोजने में सफल रहे हैं। एक शीर्ष अधिकारी ने स्वीकार किया कि हम अधिक शवों की उम्मीद कर रहे हैं क्योंकि अब लोगों के जीवित रहने की उम्मीद कम हो रही है। अभी भी अंदर फंसे बाकी लोगों से कोई संपर्क नहीं है।
राज्य पुलिस के प्रवक्ता डीआईजी निलेश आनंद भारने ने दावा किया कि उत्खनन जैसे कुछ अतिरिक्त मशीनों की मदद से बचाव कार्य में तेजी लाई गई है।
बचावकर्मी दो स्थानों पर काम कर रहे हैं – एक सुरंग के अंदर और दूसरा रैणी में ऋषिगंगा परियोजना के अवशेषों पर। पुलिस अधीक्षक (एसपी) चमोली ने कहा कि उन्होंने सुरंग के अंदर ड्रिलिंग प्रक्रिया रोक दी है।
सुरंग के अंदर भारी गाद और कीचड़ की मौजूदगी के कारण खुदाई का काम धीमा हो गया। बचाव दल ने सुरंग के जटिल डिजाइन को समझने के लिए एनटीपीसी के अधिकारियों से भी सलाह ली।