IAS के लिए क्या होता है Age limit: संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) हर साल Civil Services Exam आयोजित करता है. इस परीक्षा को क्रैक करने के बाद उम्मीदवार IAS या IPS ऑफिसर बनते हैं. यूपीएससी की परीक्षा में बैठने के लिए न्यूनतम और अधिकतम आयु सीमा तय है. अगर आप अधिकतम उम्र सीमा को पार कर गए हैं तो आप IAS ऑफिसर नहीं बन सकते हैं.
आयु सीमा
सामान्य वर्ग से आने वाले उम्मीदवारों के लिए न्यूनतम आयु सीमा 21 साल और अधिकतम आयु सीमा 32 साल है. दिव्यांग (सामान्य श्रेणी) के उम्मीदवारों के अधिकतम उम्र सीमा 42 साल तय की गई है.
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ये जानना जरूरी है कि न्यूनतम आयु सीमा सभी वर्ग के लिए 21 वर्ष ही है, वहीं अधिकतम आयु सीमा समाज के अलग-अलग वर्गों के लिए अलग हैं. अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए अधिकतम आयु सीमा 35 साल है. अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के लिए अधिकतम आयु सीमा 37 साल तय की गई है. रक्षा सेवा में सम्मिलित जवान जो किसी देश के साथ युद्ध में या किसी अशांत क्षेत्र में शांति बहाल करने के लिए चलाये गए ऑपरेशन में दिव्यांग हुए हों और उसके बाद सेवामुक्त हो गए हों, उनके लिए उम्र सीमा 35 साल तय की गई है. वहीं भूतपूर्व सैनिकों के लिए ऊपरी आयु सीमा जिसमें कमीशंड ऑफिसर्स एवं ईसीओ/एसएससीओ शामिल हैं जिन्होंने सैन्य सेवा में कम से कम पांच साल दिए हों, उनके लिए अधिकतम उम्र सीमा 37 साल है.
आयु की गणना कैसे होती है?
न्यूनतम और अधिकतम आयु सीमा की गणना 1 अगस्त से निर्धारित की जाती है. उदाहरण के लिए अगर किसी का जन्म 01 मई, 1985 का हुआ है तो उसकी आयु 1 अगस्त, 2020 को होगी 35 साल 3 महीने यानी अगर वह व्यक्ति 2020 में पेपर देना चाहता है तो नहीं दे पाएगा. वह व्यक्ति 2019 में भी पेपर देने के योग्य नहीं था क्योंकि उसकी उम्र उस समय 32 साल से अधिक थी.
कितने बार दे सकते हैं परीक्षा
Civil Services Exam कौन कैंडिडेट कितनी बार दे सकता है, यह उसके वर्ग से निर्धारित होता है जिससे उसका संबंध है. आमूमन सामान्य वर्ग के उम्मीदवरों को 32 साल की उम्र तक 6 चांस मिलते हैं. यानी सामान्य वर्ग का कैंडिडेट 32 साल की उम्र तक छह बार Civil Services Exam दे सकते हैं.
वहीं ओबीसी वर्ग के परीक्षार्थी 35 सालों की उम्र तक 9 बार परीक्षा दे सकता है. अगर बात SC/ST वर्ग के उम्मीदवार की करें तो वे 37 साल की उम्र सीमा तक जिनती बार भी चाहें परीक्षा दे सकते हैं. उनके लिए कोई सीमा तय नहीं है. सामान्य वर्ग के दिव्यांग छात्र 42 साल की उम्र तक 9 बार एग्जाम में सम्मिलित हो सकते हैं.