पटना, मोहन कुमार।राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत स्वास्थ्य विभाग के अधीन कार्यरत लगभग 27000 कर्मी बुधवार से होम आइसोलेशन में चले गए हैं।ऐसे सवास्थ्यकर्मियों का आरोप है कि सरकार इन स्वास्थ्य कर्मियों के प्रति उदासीन रही है।सरकार प्रायः नियमित और संविदा कर्मी (Contract workers) के आधार पर भेदभाव करती रही है।
इन संविदा स्वास्थ्यकर्मियों के अनुसार कोरोना प्रबंधन के लिए संचालित होने वाले कोविड केयर सेंटर में प्रतिनियुक्त फ्रंट लाइन वर्कर्स के लिए गृह विभाग ने हाल ही में संकल्प जारी कर विशेष प्रोत्साहन राशि की घोषणा की है।लेकिन सरकार ने अत्यधिक संक्रामक बीमारी कोरोना के प्रबंधन से जुड़े संविदा स्वास्थ्यकर्मियों को इस लाभ से वंचित रखा है ।
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संविदाकर्मियों (Contract workers) ने सवाल उठते हुए पूछा है कि जिनपर ‘जूता सफाई से लेकर चंडी पाठ’ का दायित्व है, उन्हें विशेष प्रोत्साहन राशि से मुक्त रखना कितना जायज है? क्या कोरोना वायरस का संक्रमण नियमित कर्मियों को लगेगा और संविदा कर्मियों को नहीं लगेगा? संक्रमण का खतरा दोनों प्रकार के कर्मियों में समान है तो प्रोत्साहन राशि इन्हें वंचित क्यूँ रखा गया है?
दूसरी ओर कोरोना की चपेट में आकर किसी संविदाकर्मी (Contract workers)की मृत्यु हो जाती है क्या होगा।इन संविदा कर्मियों का कहना है क़ि सरकार अबतक इनके लिए ग्रुप एक्सीडेंट पॉलिसी एवं मेडिकल हेल्थ पॉलिसी भी लागू नहीं कर सकी है जबकि नियमित सरकारी संविदा कर्मियों (Contract workers) के लिए पूरी नियमावली है।
इनका कहना है कि कोरोना वार्ड में डयूटी दवा, ऑक्सीजन, साफ-सफाई कराने से लेकर विशेष परिस्थिति में शवों की रैपिंग एवं उठाव कराने तक का कार्य बेहिचक इन संविदा कर्मियों (Contract workers) द्वारा ही किया जा रहा है,जो इनकी सेवा शर्त का पार्ट नहीं है।
नियमित चपरासी भी घड़ी का टाइम देखकर ड्यूटी करता है लेकिन संविदा स्वास्थ्य कर्मियों के ड्यूटी की समय-सीमा का हाल भी बुरा है। ड्यूटी आने का तो समय निर्धारित है लेकिन जाने का नहीं।
पिछले 1 साल से लगातार संविदा स्वास्थ्य कर्मी कोरोना जैसी आपदा से लड़ रहे हैं।इस बीच कई लोग संक्रमित होकर मृत्यु के ग्रास बने लेकिन सरकार और विभागीय पदाधिकारियों ने सिर्फ यही कहा कि तुम लोग काम करो, तुम्हारी मांगे जायज हैं ।हम कार्रवाई कर रहे हैं। बावजूद इसके जब कुछ नहीं हुआ तो ‘मरता क्या न करता’ की तर्ज पर ये होम आइसोलेशन में चले गए हैं ।