अमर चंद्र सोनू .UPSC की तैयारी करना अपने में चुनौतीपूर्ण है. UPSC की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों को पहली दिक्कत ये आती है कि सामान्य अध्ययन की तैयारी कैसे करे, क्या पढ़े, कितना पढ़े? आज हम आपकी इस परेशानी को दूर करने के लिए कुछ टिप्स और कुछ किताबों की सूची दे रहे है. जिससे न आपको यूपीएससी प्री क्लियर करने में मदद मिलेगी बल्कि आपको मेन्स की तैयारी करने के लिए सही दिशा मिलेगी.
सबसे पहले बात करते है सामान्य अध्ययन की तैयारी कैसे करें. इसके लिए आपको सबसे पहले ये जानना होगा कि भारत की सर्वश्रेष्ठ सेवा का कोई शॉटकट नहीं है. इसके लिए आपको व्यापक तैयारी करनी होगी. आप तैयारी के पहले चरण की शुरूआत कुछ इस तरह से कर सकते हैं.
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- हिन्दी और अंग्रेजी के कम से कम एक अखबार पढ़ें
यूपीएससी की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों के लिए यह बहुत जरूरी है कि वे समसामयिक घठनाओं से अवगत रहे. उनसे उम्मीद की जाती है कि वे देश-दुनिया में क्या हो रहा है वे उससे परिचित हैं. राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की क्या स्थिति है और इसे कैसे बेहतर बनाया जा सकता है. इसके लिए आपको रोज कम से कम हिन्दी और अंग्रेजी के एक-एक अखबार जरूर पढ़ें. - अपनी बुनियाद को ठीक करें-
यूपीएससी अभ्यर्थियों से ये उम्मीद करता है कि उनके पास सामान्य विषय वस्तुओं की जानकारी है. प्रारंभिक परीक्षा के लिए इतिहास, भूगोल, विज्ञान, राजव्यवस्था और अर्थशास्त्र सभी विषयों से प्रश्न पूछे जाते हैं. इसके लिए विशेषज्ञों की सभी तैयारी करने वाले उम्मीदवारों को सलाह रहती है कि वे NCERT की किताब जरूर पढ़ें. आपको कक्षा 6 से लेकर 12वीं तक की सभी विषयों की किताब पढ़नी चाहिए. क्योंकि ये पुस्तकें अवधारणाओं की वास्तविक समझ विकसित करती हैं. इन पुस्तकों को पढ़ने के बाद ही किसी अन्य लेखक की पुस्तक को अच्छी तरह से पढ़कर समझा जा सकता है. - ग्रुप स्टडी से मिलेगी काफी मदद
यूपीएससी की तैयारी करने में ग्रुप स्टडी आपकी काफी मदद करेगा. ग्रुप में साथियों की संख्या 3-4 की रखें और किसी एक विषय वस्तु की सामुहिक रूप से तैयार करें. अपना तैयारी का आंकलन करने के लिए अपने साथियों से कहे उस विषय वस्तु से संबंधित कुछ ऐसे प्रश्न तैयारी करें जिसका कल्पना दूसरे साथी न करें या फिर उस सवाल को उनकर उलझ जाएं. इससे आपकी तर्क करने की क्षमता विकसित होगी. - कुछ उपयोगी पुस्तकें-
- उपेन्द्र सिंह, रामशरण शर्मा (ओरिएंट ब्लैकस्वान प्रकाशन )
- मध्यकालीन भारत – सतीश चंद्र (ओरिएंट ब्लैकस्वान प्रकाशन)
- आधुनिक भारत – विपिन चंद्र , राजीव अहीर
- विश्व इतिहास – दीनानाथ वर्मा
- भारतीय संविधान एवं राजव्यवस्था – एम. लक्ष्मीकांत
- प्रारंभिक समष्टि अर्थशास्त्र – टी.आर.जैन एवं वी.के.ओहरी
- भारतीय अर्थव्यवस्था – संजीव वर्मा
- नीतिशास्त्र सत्यनिष्ठा और अभिवृत्ति – जी. सुब्बाराव, पी.एन. रॉय चौधरी
- भारतीय समाज – राम अहूजा
- सामाजिक समस्याएँ – राम अहूजा
- भारत की आंतरिक सुरक्षा – अशोक कुमार, विपुल
- व्यापक मार्गदर्शन के लिए कोचिंग संस्थानों की मदद लें
यूपीएसी की तैयारी यू तो घर पर भी की जा सकती है लेकिन कोचिंग संस्थानों के पास जाने से आपके अंदर प्रतियोगिता की भावना खुद पैदा हो जाएगी. इसके साथ ही वहां के विशेषज्ञों से आप अपनी समस्या का व्यवहारिक निदान भी ले सकते हैं.
हालांकि विभिन्न विषयों की इस सूची में जो पुस्तकें सुझाई गई हैं, संभव है कि इन पुस्तकों को पढ़ने के बाद भी पाठ्यक्रम का कुछ हिस्सा छूट जाए. सिविल सेवा परीक्षा के पाठ्यक्रम की प्रकृति ऐसी है कि उसे कुछ पुस्तकों को पढ़कर पूरी तरह तैयार करना न तो संभव है और न ही व्यावहारिक. हां इतना जरूर है इन पुस्तकों को पढ़ने के बाद आप काफी स्तर तक यूपीएससी की पीटी के लिए तैयार हो जाएंगे.