पटना,संवाददाता।कोरोना काल में लोगों की जान बचाने वाले “Oxygen Man “ के नाम से चर्चित गौरव राय को इस मानव सेवा के लिए जहां लोगों की दुआएं मिल रही है वहीं दूसरी ओर पटना पुलिस द्वारा थाना में बैठाकर उन्हें ह्रास किया जाता है।इस खबर से गौरव राय के शुभचिंतकों में पुलिस के प्रति आक्रोश है।
शनिवार को किसी नेता की शिकायत पर बुद्धा कॉलोनी की पुलिस ने उन्हें थाना में बिठाकर घंटो पूछताछ की कि आप अपने बलबूते कैसे लोगों की सेवा कर रहे हैं।पूछताछ के नाम पर श्री राय को ह्रास किया गया।एक अपराधी के समान पूछताछ की गई।
कोरोना काल में संक्रमण के भय से जहां कई डॉक्टरों ने मरीज देखना बंद कर दिया था, वहीं श्री राय न सिर्फ अपनी गाड़ी से ऑक्सीजन सिलेंडर घर घर पहुंचाते रहे बल्कि संक्रमण की चिंता किए बिना कई लाचार परिवारों के घर में जाकर ऑक्सीजन सिलेंडर सेट करते रहे।
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कोरोना काल में इलाज के नाम पर लूटने वाले नर्सिंग होम पर लगाम लगाने या मरीज के प्रताड़ित परिवारों के लिए पटना पुलिस की सक्रियता गायब हो जाती है।दूसरी ओर नि:स्वार्थ भाव से मानव सेवा में लगे,लोगों की जान बचाने वाले को टॉर्चर करती है।
गौरतलब है कि पटना के गौरव राय कोरोना काल में “Oxygen Man“ के नाम से चर्चित हुए हैं।वैसे तो इन्हें बचपन से ही समाज सेवा का जुनून रहा है।ब्लड डोनेशन से लेकर अन्य सामाजिक कार्यों में सक्रिय रहे हैं।लेकिन जब जुलाई 2020 में खुद कोरोनाग्रस्त हुए,अस्पतालों की जर्जर व्यवस्था में जिंदगी और मौत का संघर्ष कठिन लगने लगा तो घर पर ही ऑक्सीजन की व्य़वस्था कर विपरित परिस्थितियों में अपनी जान बचाई।इस घटना के बाद उन्होंने अपनी पत्नी अरूणा भारद्वाज से इच्छा व्यक्त की कि क्यों न ऑक्सीजन बैंक बनाकर जरूरतमंद लोगों की जान बचाई जाए।पत्नी सहयोग के लिए तैयार हुईं और गौरव राय बन गए बिहार के “Oxygen Man“.
गौरव राय बताते हैं कि उनकी पत्नी अरूणा उनकी जान बचाने के लिए पहले ही तीन सिलेंडर खरीद चुकी थी।इसके बाद अमेरिका में रह रहे उनके एक दोस्त ने तीन सिलेंडर से सहयोग किया।धीरे-धीरे उनके पास 54 ऑक्सीजन सिलेंडर हो गया।इसी बीच बिहार फाउंडेशन की तरफ से उन्हें 200 ऑक्सीजन सिलेंडर दिया गया।इसके बाद गौरव राय ने पटना के अलावा 21 जिलों में नेटवर्क का विस्तार कर लिया।कोरोना के गंभीर मरीजों के घर-घर फ्री में ऑक्सीजन पहुंचाने लगे।गौरव राय को इस नेक काम के लिए विभिन्न मंचों,संस्थाओं द्वारा पुरस्कृत भी किया जा चुका है।