पटना, संवाददाता।न्याय-मंच के सदस्यों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से “वीरांगना नारी Lakshmibai” की पुण्यतिथि मनाई।
इस मौके पर मंच के संयोजक मनोज लाल दास “मनु”, संस्थापक पवन राठौर, दीपक कुमार सिंह, अधिवक्ता रविप्रकाश,अधिवक्ता गौतम सिंह, अधिवक्ता एम.मल्लिक, किशोर कुमार शर्मा, उत्तम कुमार, केशव पांडेय, नितेश यादव, अभिमन्यु कुमार, विशाल सिंह , सामाजिक कार्यकर्ता नीलिमा सिन्हा आदि ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़कर “झांसी की रानी को श्रद्धांजलि अर्पित की।
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इस अवसर पर मुख्य अतिथि के तौर पर सामाजिक कार्यकर्ता नीलिमा सिन्हा ने लक्ष्मीबाई के जीवन चरित्र पर प्रकाश डालते हुए कहा कि लक्ष्मीबाई कोई साधारण नारी नहीं थीं, वो तो वीरांगना थीं, जिन्होंने दुश्मनों के छक्के छुड़ा दिए। ऐसी महान नारी विरले ही पैदा होती है। हमसबों को खासकर नारी समुदाय से अपील करूंगी कि लक्ष्मीबाई के जीवन से प्रेरणा लेकर समाज व राष्ट्र की रक्षा के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए।
मंच के संयोजक मनोज लाल दास “मनु” ने कहा कि लक्ष्मीबाई जैसी नारी के बदौलत ही हम सभी आज सुरक्षित हैं वरना देश आज भी बाहरी हुकूमत के अधीन रहता। लक्ष्मीबाई ने जिस तरीके से दुश्मनों से लोहा लिया वो काबिलेतारीफ है।
मंच के संस्थापक पवन राठौर ने कहा कि 1857 की क्रांति में लक्ष्मीबाई का योगदान अविस्मरणीय है। इस योगदान के कारण ही लक्ष्मीबाई को “झांसी की रानी” कहा गया। लक्ष्मीबाई की वीरता व पराक्रम देखकर ही बहुत सुंदर कविता लिखी गयी जिसमें कहा गया है
“चमक उठी सन सत्तावन में,
वह तलवार पुरानी थी,
बुंदेले हरबालों के मुंह,
हमने सुनी कहानी थी,
खूब लड़ी मर्दानी वह
तो झांसी वाली रानी थी।”
आगे पवन राठौर ने कहा कि ऐसी महान नारी लक्ष्मीबाई ने राष्ट्र की अस्मिता की रक्षा के लिए अपने प्राण त्याग दिए, जो हमें सीख देती है कि जरूरत पड़ने पर देश के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर देना चाहिए।