- जीवन का अनुशासन है योग
- नालंदा कॉलेज शिक्षाशास्त्र विभाग में “आधुनिक जीवन शैली और योग” विषय पर वेबिनार
पटना, संवाददाताI पाटलीपुत्र, मगध और पटना विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ जितेंद्र कुमार ने कहा है कि Yoga जीवन का अनुशासन है और इसे हम दैनिक जीवन में अपनाकर शरीर और मन दोनों को नियंत्रित कर निरोग रह सकते हैं I वे आज नालंदा कॉलेज शिक्षाशास्त्र विभाग के तत्वावधान में आयोजित” आधुनिक जीवन शैली और योग” विषयक वेबिनार का उद्घाटन के पश्चात शिक्षकों और छात्रों को संबोधित कर रहे थेI
कुलसचिव ने कहा कि Yoga के सहारे करोड़ों लोग मोटापा, तनाव और दूसरी अनेक बीमारियों से मुकाबला करने में खुद को सक्षम बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि “योग” शब्द संस्कृत के “युग” धातु से बना है जिसका अर्थ -जोड़ना, एकजुट होना, शामिल होना है।
मुख्य वक्ता योग विद्यालय मुंगेर के अतिथि प्राध्यापक और पटना विश्वविद्यालय योग केंद्र के पूर्व निदेशक डॉ प्रभाकर देवराज ने कहा कि योग आधुनिक जीवन शैली के कुप्रभाव को खत्म करने में पूरी तरह सक्षम है I आज समाज के हर वर्ग के लोग, विशेषकर छात्र और युवा आसन व प्राणायाम की मदद से एकाग्रता, क्षमता और आत्मविश्वास में वृद्धि कर लाभान्वित हो रहे हैं I
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प्राचार्य डॉ रामकृष्ण परमहंस ने कहा कि योग के विज्ञान की उत्पत्ति हजारों साल पहले हुई थी, शायद धर्म और आस्था के जन्म लेने से पहले I भावी पीढ़ी के लिए Yoga को एक महानतम वरदान बताते हुए उन्होंने कहा कि योग मानव जीवन के आंतरिक और आध्यात्मिक विकास, उसके कल्याण व मुक्ति से जुड़ा है I
वेबिनार की अध्यक्षता करते हुए शिक्षाविद और मीडिया विश्लेषक डॉ ध्रुव कुमार ने कहा कि योग भारत की संस्कृतिक धरोहर है और यह हजारों वर्षों से भारतीयों की जीवनशैली का अभिन्न हिस्सा रहा है। अंतर्राष्ट्रीय Yoga दिवस के कारण अब भारत और भारतीय संस्कृति से पश्चिमी देशों को परिचित होने का अवसर मिल रहा है I उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति – 2020 में भी योग को पाठ्यक्रम में महत्वपूर्ण स्थान देने की बात कही गई है।
दर्शन शास्त्री डॉ प्रभास कुमार ने कहा कि योग वस्तुत : सूक्ष्म विज्ञान पर आधारित एक आध्यात्मिक विषय है, जो मन और शरीर के बीच सामंजस्य स्थापित करने पर ध्यान देता है। यह स्वस्थ जीवन-यापन की कला और विज्ञान दोनों है और इसका एक दार्शनिक पक्ष भी है I
एलएन कॉलेज भगवानपुर बिहार विश्वविद्यालय के अर्जुन कुमार शाह ने कहा कि Yoga सिर्फ शारीरिक स्वास्थ्य की बात नहीं करता बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य को भी दुरूस्त रखता है।
अतिथियों का स्वागत करते हुए डॉ राजेश कुमार ने कहा कि योग को किसी धर्म और संप्रदाय से जोड़कर देखना उचित नहीं है। Yoga सबको साथ लेकर चलने की बात करता है। धन्यवाद ज्ञापन करते हुए डॉ रंजन कुमार ने कहा कि यह धर्म, नस्ल, जाति, वर्ण, क्षेत्र या भाषा के आधार पर भेदभाव से परे है। इसमें वसुधैव कुटुंबकम की भावना समाहित है।
वेबिनार में अविनाश श्रीवास्तव, विनोबा भावे विश्वविद्यालय हजारीबाग झारखंड के एम एड विभागाध्यक्ष प्रो. तनवीर यूनुस, इतिहास विभाग के अध्यक्ष डॉ रत्नेश अमन, राजनीति विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डॉ विनीत लाल, एलएन कॉलेज, बिहार विश्वविद्यालय के डॉ गौतम झा, नालंदा कॉलेज शिक्षा विभाग की कृति स्वराज, अपर्णा कुमारी, पिंकी कुमारी, प्रशांत, इशिता, संगीता कुमारी, सीमा गुप्ता, संतोष कुमार, पूजा आदि ने भी आधुनिक जीवन शैली और योग के विभिन्न पहलुओं पर अपने विचार व्यक्त किए I