गया। डॉ. भरत सिंह (एचओडी, हिंदी विभाग, मगध विश्वविद्यालय, बोधगया) सर्व सम्मति से विश्व मगही परिषद् (World Magahi Council ) के अध्यक्ष हुए निर्वाचित साथ ही प्रो नगेन्द्र नारायण बने विश्व मगही परिषद के महासचिव बने। इस अवसर पर मगही कोकिल जयराम सिंह की मनाई गई धूमधाम से जयन्ती विश्व मगही परिषद् के अन्तरराष्ट्रीय मगही चौपाल के बैनर तले 29 वाँ बेवनार रविवार 08अगस्त, 2021 को कार्यकारी अध्यक्ष लालमणि विक्रान्त की अध्यक्षता में संपन्न हुआ। पहले सत्र में विश्व मगही परिषद् के अध्यक्ष का चुनाव कार्यकारी अध्यक्ष लालमणि विक्रान्त के देखरेख में संपन्न हुआ।
अध्यक्ष पद के लिए डॉ. भरत सिंह के नाम का प्रस्ताव भागलपुर के कवि राजकुमार प्रसाद ने और समर्थन शेखपुरा के साहित्यकार उपेन्द्र प्रसाद प्रेमी और नवादा के वरिष्ठ कवि नरेन्द्र प्रसाद सिंह ने किया। अन्तरराष्ट्रीय कार्यकारिणी के उपस्थित सभी सदस्यों ने करतल ध्वनि और विक्ट्री साइन दिखाकर समर्थन किया।सर्वसम्मति से डॉ. भरत सिंह को विश्व मगही परिषद् का अध्यक्ष चुने जाने की घोषणा चुनाव पदाधिकारी सह कार्यकारी अध्यक्ष लालमणि विक्रान्त ने किया और नवनिर्वाचित अध्यक्ष को पदाधिकारियों के मनोनयन केलिए अधिकृत भी किया गया।
नव निर्वाचित अध्यक्ष डॉ. भरत सिंह ने प्रो. नगेन्द्र नारायण को महासचिव मनोनीत किया।
बेवनार के दूसरे सत्र में मगही कोकिल जयराम सिंह की जयंती मनाई गई। दूसरे सत्र में मंच संचालन प्रो. नगेन्द्र नारायण ने किया। कार्यक्रम में अमेरिका, स्वीडन,नेपाल और भूटान से भी मगही प्रेमी और मगही साहित्यकार भाग लिये। देश के भिन्न-भिन्न हिस्से के मगही प्रेमी भी जुड़ें।
(World Magahi Council ) कार्यक्रम का शुभारंभ राजकुमार कवि की सरस्वती वंदना से हुआ। मुख्य वक्ता वरिष्ठ मगही साहित्यकार रामरतन सिंह रत्नाकर ने कहा कि मगही कोकिल जयराम सिंह प्रकृति, प्रेम और ग्रामीण संस्कृति के कवि हैं कविताओं में गीति तत्व की प्रधानता और कलकंठ के कारण लोगों ने इन्हें मगही कोकिल का सम्मान प्रदान किया। मगही भाषा-साहित्य के प्रचार-प्रसार में भी जयराम बाबू का योगदान चिरस्मरणीय रहेगा।अपने कृतित्व और व्यक्तित्व से जयराम बाबू को जीवन काल में ही सिद्धि और प्रसिद्ध प्राप्त हुई।
इस अवसर पर मगही कोकिल जयराम सिंह के भांजे प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ. विनय कुमार ने जयराम सिंह की साहित्यिक उपलब्धियों का विस्तृत विवेचन किया।जयराम बाबू के भांजे प्रो. कंचन कुमार करूण , कनक कुमार कर्मवीर और सुपुत्र बम बम कुमार एवं पमपम कुमार ने जयराम सिंह जी की कविताओं का मधुर गायन कर श्रोताओं की तालियाँ खूब बटोरे। कमलेश्वर सिंह, सुरेश शर्मा, विनय कुमार विकल और अनिल कुमार निराला के गीत गायन से श्रोता झूम उठे। राष्ट्रीय स्तर के कवि सत्येन्द्र सत्यार्थी, प्रो. शिवेन्द्र नारायण सिंह, लालमणि विक्रान्त, डॉ. सविता मिश्रा मागधी, उपेन्द्र प्रसाद प्रेमी और आनन्द शंकर स्वरचित कविताओं का पाठ किया और अपना विचार भी व्यक्त किया।
नव निर्वाचित अध्यक्ष डॉ. भरत सिंह ने कहा कि सौंपे गए दायित्व के पालन का भरपूर प्रयास करेंगे। विश्व मगही परिषद् (World Magahi Council ) का प्रसार और अन्य देशों में भी किया जाएगा। शिष्ट साहित्य सृजन और उसके प्रकाशन पर भी जोर होगा। मगही लोकगाथा और मगही लोकगीत संग्रह के प्रकाशन की भी संभावना है। इन्होंने बताया कि दिल्ली के प्रकाशन से ‘ जयराम सिंह की साहित्य साधना ‘ नामक पुस्तक जल्द ही आनेवाली है।
धन्यवाद ज्ञापन करते प्रो. नगेन्द्र नारायण ने कहा कि मगही कोकिल जयराम सिंह जी की अप्रकाशित रचनाओं का प्रकाशन विश्व मगही परिषद् द्वारा किया जाएगा। मगही साहित्यकारों की जयंती मनाने का सिलसिला जारी रहेगा।