अगर आपकी कुंडली में पितृ ऋण दोष है ।अगर आपकी सरलता में बार बार बाधा आ रही है। सरलता कम और संघर्ष ज़्यादा करना पड़ता है ।घर में और मन में शांति नहीं रहती है तो कुंडली पितृ दोष हो सकता है।आम तौर पर इस दोष के निवारण के लिए पंडित या ज्योतिष महँगे-महँगे उपाय बताते हैं तो आप चिंता न करें । नीचे कुछ आसान उपाय बताए जा रहे हैं । इसे अपना कर आप इस दोष से मुक्त हो सकते हैं या इस दोष के दुष्प्रभाव को कम कर सकते हैं ।
– जी हाँ , बहुत आसान उपाय है। आप जीवन दात्री वृक्ष पीपल की सेवा कर इस दोष से मुक्त हो सकते हैं।
-इस वृक्ष पर जल, पुष्प, अक्षत, दूध, गंगाजल, काले तिल चढ़ाकर स्वर्गीय परिजनों का करें और आशीर्वाद मांगें।
-एक अन्य सरल उपाय थे है कि अपने घर के दक्षिण दिशा की दीवार पर स्वर्गीय परिजनों का फोटो लगाकर उस पर फूल -माला डाल कर प्रति दिन उनकी पूजा स्तुति कर उनसे आशीर्वाद लेते रहने से भी पितृदोष से मुक्ति मिलती है।
-और भी सरल उपायों में एक ये भी है कि अपने स्वर्गीय परिजनों की पुण्य तिथि पर जरूरतमंदों को या योग्य ब्राह्मणों को भोजन कराएं। भोजन में मृतात्मा की पसंद की कम से कम एक वस्तु ज़रूर रखें।
-इसी दिन अगर हो सके तो अपनी सामर्थ्यानुसार गरीबों को वस्त्र और अन्न आदि दान करने से भी यह दोष मिटता है।
-इन सबसे भी आसान और सस्ता उपाय है की आप प्रतिदिन इष्ट देवता व कुल देवता की पूजा करें। इससे भी पितृ दोष नष्ट होता है।
– पितृदोष में किसी गरीब कन्या का विवाह या उसकी बीमारी में मदद करते रहने सर भी लाभ मिलता है।
-पवित्र पीपल तथा बरगद के पेड़ लगाकर भी आप इस दोष से मुक्त हो सकते हैं ।
– श्रीमद्भागवत गीता का पाठ करने से भी पित्तरों को शांति मिलती है और दोष में कमी आती है।
-पितरों के नाम पर गरीब विद्यार्थियों की मदद कर अथवा दिवंगत परिजनों के नाम से अस्पताल, मंदिर, विद्यालय, धर्मशाला आदि का निर्माण करवाने से भी इस दोष के दुष्प्रभाव कम हो जाते हैं।अगर आपकी कुंडली में पितृ ऋण दोष है तो आप भी इन सरल उपायों को कर इनके दुष्प्रभाव से बच सकते हैं।