रेलवे की परिसंपत्तियों को बेचने के विरुद्ध छपरा जंक्शन पर धरना । छपरा, प्रखर प्रणव। मोदी सरकार में रेलवे के निजीकरण और परिसम्पत्तियों के बेचे जाने के खिलाफ आज छपरा जंक्शन पर प्रचंड चेतावनी दिवस मनाया गया। एनई रेलवे मजदूर यूनियन की छपरा शाखा ने भारत सरकार के द्वारा 6 लाख करोड़ रुपए के मौद्रीकरण अभियान के तहत रेलवे की मूल्यवान परिसंपत्तियों के बेचने के विरुद्ध एवं 400 रेलवे स्टेशन, 15 रेलवे स्टेडियम, 90 पैसेंजर गाड़ियां, 256 गुड्स सेड्स, 441 किलोमीटर डेडीकेटेड फ्रंट कॉरिडोर, 1400 किलोमीटर ओएचई ट्रैक सामग्री,भारतीय रेलवे कॉलोनी सहित 4 पर्वतीय रेलवे कार्मिक विभाग का खात्मा के विरोध में आज भारी संख्या में उत्तर पूर्व रेलवे पदाधिकारी एवं कर्मचारीकर्मचारी ने उग्र धरना प्रदर्शन किया।
भारत सरकार और रेलवे के अधिकारियों के खिलाफ कर्मचारी नेताओं ने जुलूस निकाला। जुलूस रेलवे स्टेशन होते हुए एक नंबर प्लेटफार्म, डीजल लॉबी, सर्कुलेटिंग एरिया में सभा स्थल पर पहुंचा।
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सभा को संबोधित करने वालों में डीके सिंह, शशि भूषण प्रसाद, विजय कुमार यादव, राकेश कुमार, मान सिंह यादव, अरविंद राय सिंह, मुकेश सिंह, मिथिलेश प्रसाद, निसार अहमद जलालुद्दीन, पंकज कुमार, रितेश कुमार, विजेंद्र कुमार, नारद मंडल, अशोक राम, श्याम लाल, काशीनाथ प्रसाद, अनुज शर्मा, शेषनाथ, बैजनाथ हेंब्रम, अखिलेश चौधरी, रविशंकर प्रसाद, संजय चौधरी, निशू ज्ञानीराम, राजीव कुमार, नीरज सहित अन्य कर्मचारी नेताओं ने संबोधित किया।
संबोधन में यूनियन के नेताओं ने कहा कि अगर मोदी सरकार निजीकरण को बंद नहीं करती है, रेल की संपत्ति को बेचना बंद नहीं करती है तो इसके खिलाफ एनई रेलवे मजदूर यूनियन एआईआरएफ का जो अगला और बड़ा आंदोलन होगा।