प्रदेश भर की सुहागिनों उपवास रख कर किया तीज व्रत। पटना,रंजना कुमारी। पटना सहित पूरे बिहार में पति की लंबी आयु के लिए किये जाने वाले व्रत तीज बड़े ही हर्षोल्लास के साथ किया गया। गौरतलब है कि यह व्रत पति की लंबी आयु के किया जाता है। इस व्रत में निर्जला उपवास रखकर मां पार्वती एवं शिव के साथ-साथ गणेश की पूजा की जाती है। सुहागिनें सज-धज कर सोलह श्रृंगार करती हैं और अपने दाम्पत्य जीवन की खुशहाली के लिए मां पार्वती और देवों के देव महादेव से वरदान मांगती हैं। कुछ महिलाएं मंदिर जाकर तो कुछ महिलाएं घर पर ही पंडित जी को बुलवाकर उनके निर्देशानुसार पूजा करती हैं। यह हरतालिका तीज व्रत हर साल भाद्रपद शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि की मनाई जाती है।
सोनपुर से हमारे संवाददाता विश्वनाथ के अनुसार सोनपुर प्रखंड सहित पूरे बिहार,बंगाल,उत्तरप्रदेश ,मध्यप्रदेश के अलावा अन्य राज्यों की सुहागिन महिलाएं मां पार्वती एवं शिव के साथ-साथ गणेश की पूजा निर्जला उपवास रखकर विधि विधान के साथ गुरुवार को पुरोहितों को बुलाकर कीं। इस अवसर पर विवाहित और अविवाहित महिलाओं ने भी पूजा की। जहां सुहागिन महिलाएं इस व्रत में अखंड सौभाग्यवती और दांपत्य जीवन को सुखी बनाने की कामना करती हैं, तो वहीं कुंवारी कन्याएं योग्य वर प्राप्ति के लिए इस व्रत को करती हैं। इस दिन मां पार्वती और भगवान शिव की आराधना की जाती है।
धार्मिक मान्यता है कि जो महिलाएं यह व्रत सच्चे मन से करती हैं मां गौरा उनकी कामना को पूर्ण करती हैं। यह व्रत विधि-विधान से किया जाता है। दरअसल हरतालिका तीज व्रत निर्जल रखा जाता है। इसलिए यह व्रत कठिन व्रतों में से एक माना जाता है। व्रत रखने के दौरान कुछ नियमों का पालन करना होता है। तीज का व्रत रखने वाली महिलाओं को अपने गुस्से पर काबू रखना चाहिए। अपने गुस्से को शांत रखने के लिए महिलाएं अपने हाथों पर मेंहदी लगाती हैं। जिससे मन शांत रहता है। व्रत करने वाली महिलाओं को अपने मन में किसी तरह का खोट नहीं लाना चाहिए। किसी के प्रति गलत भावनाएं नही लाती हैं।
मान्यता है कि व्रत रखने वाली महिलाओं को रात को सोना नहीं चाहिए। पूरी रात जगकर महिलाओं के साथ मिलकर भजन कीर्तन करना चाहिए। अपनें बुजुर्गो के वस्त्राभूषण देना चाहिए।
इस दिन घर के बुजुर्गों को किसी तरह से नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए और उन्हें दुखी नहीं करना चाहिए। ऐसा करने वाले लोगों को अशुभ फल मिलता है।