शास्त्री व्याख्यानमाला का आयोजन । वंचित समाज पर चर्चा। पटना,आनंद कुमार। आज ‘कबीर के लोग’ एवं ‘एकता परिषद’ के तत्वावधान में पटना स्थित बिहार विधान परिषद के सभागार में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय भोला पासवान शास्त्री जी की 108वीं जयंती के अवसर पर शास्त्री व्याख्यामाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन बिहार सरकार की उपमुख्यमंत्री रेणु देवी, बिहार विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह, बिहार सरकार के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी, एवं ‘कबीर के लोग’ के संस्थापक, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं बिहार विधान परिषद के सदस्य प्रोफेसर डॉ. संजय पासवान ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया।
इस कार्यक्रम का मुख्य थीम ‘वित्तीय समावेशन एवं वंचित वर्ग’ था, जहाँ युवाओं के बीच रोजगार सृजन एवं संभावनाओं के विषय में सभी वरिष्ठ वक्ताओं ने अपने विचार रखे।’कबीर के लोग’ के संस्थापक, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं बिहार विधान परिषद के सदस्य प्रोफेसर डॉ. संजय पासवान ने कहा कि दलित एवं वंचित समाज को विक्टिम मोड से बाहर निकल कर विक्ट्री मोड में आने कि आवश्यकता है। इस समाज को अपनी ताकत को पहचान कर उसे सही दिशा में लगाने कि ज़रूरत है।
उपमुख्यमंत्री रेणु देवी ने वित्तीय समावेशन एवं रोजगार सृजन के लिए युवाओं के बीच कौशल विकास की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने भारत में वित्तीय समावेशन के लिए डिजिटल इंडिया मिशन के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयास से आज देश तेजी से डिजिटल हो रहा है और इसका सुखद परिणाम भी आज हमारे सामने है जब हमारे यहाँ जन-धन के माध्यम से बैंक खातों की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि तो हुई ही है, साथ ही कैशलेस पेमेंट्स में भी तेजी से बढ़ोतरी हुई है।
बिहार सरकार के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने देश में आरक्षण के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि भाजपा सदैव आरक्षण के पक्ष में रही है और हमारी सरकार अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लोगों को सरकारी नौकरी में, प्रोन्नती में क्रीमी लेएर्स लागू नहीं करेगी।उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने दलित सशक्तिकरण की दिशा में अनेक सार्थक प्रयास किये हैं। नरेंद्र मोदी सरकार ने दलित अत्याचार विरोधी क़ानून को और भी सशक्त बनाने का काम किया है।
इसे भी पढ़ें- भाजपा महिला मोर्चा ने फल और सब्जी विक्रेताओं को किया सम्मानित
बिहार विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि जिसे हम वंचित समाज कहते हैं वो असल में संचित समाज है। लोकतांत्रिक व्यवस्था में संख्या का महत्व है और दलित समाज संख्या बल के मामले में सबसे आगे है। अतः आवश्यकता ये है कि वंचित समाज अपनी शक्ति को पहचाने और लोकतंत्रिक व्यवस्था में अपनी बात को उठाए और नेतृत्व करने के लिए आगे आए।
watch it also –Your AURA Changes COLOR When You’re In LOVE || Your Aura When You’re In Love
प्रख्यात गांधीवादी और एकता परिषद के संस्थापक पीवी राजगोपाल ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि अहिंसा एवं बातचीत के माध्यम से ही आज सभी समस्याओं का निदान संभव है।उन्होंने कहा कि आज कि दुनिया में हिंसा को ग्लोरीफाई किया जा रहा है, इसे बच्चों के मन -मस्तिष्क में डाला जा रहा है। समाज की सभी विसंगतियों से लड़ने के लिए हमें अहिंसा के महत्व को समझना होगा और स्वयं को हिंसा के विकृति से दूर करना होगा।