हमारे संवाददाता, मधुबनी. Parthiv Lakhnaam prayer: शिव उपासकों की भक्ति का अनूठा योग”पार्थिव लाखनाम पूजा”मिथिला क्षेत्र में प्रचलित है. इसी के तहत पाली पंचायत में लाखनाम महादेव की विधिवत पूजा ग्रामीणों ने अपने देश, गांव, शहर तथा विश्व कल्याण के लिए किया. अभिष्ट सिद्व,संक्रामक रोग निवारण,रूद्राभिषेक के साथ अन्य संकल्पों की पूर्ति से पूर्व या बाद में लाखनाम पार्थिव पूजन लोग कराते हैं.प्राप्त जानकारी के मुताबिक इस पूजन से असाध्य को साधने की शक्ति व फल पाने का अनेकों उदाहरण हैं. वरीय पत्रकाररूद्र देव झा ने बताया कि मिथिला में यहपरंपरा सदियों पुरानी है.राजा जनक ने भी हमेशा लाखनाम पार्थिव शिवलिंग की उपासना की थी.
मिथिला क्षेत्र में दुर्गा पूजा के उपरांत शिवभक्त एक साथ मिट्टी का पार्थिव महादेव बना कर निष्ठा से पूजते हैं. उन्होंने बताया कि सबसे पहले किसी पवित्र स्थान, नदी तल या पोखरे से मिट्टी
संकलित की जाती है व घर की महिलाओं को पार्थिव निर्माण हेतु निवेदन किया जाता है. उसके बाद बेलपत्र, फूल, फल, दूध, गंगाजल,अक्षत ले कर पूजन स्थल को गोबर-मिट्टी-गंगाजल से
पोताई की जाती है. इसके बाद महिला सदस्यों का योगदान शुरू हो जाता है. नचारी, महेशवाणी,
श्लोक गायन में निपुण मिथिला की बेटियां,बहुएं व अन्य अनुभवी महिलाओं के निर्देशन में लाखों पार्थिव तैयार कर यज्ञस्थल पर पूजा के निमित्त समर्पित किया जाता है. इसबार भी सभी का योगदान सराहनीय रहा.
संकल्प के साथ यज्ञ पुरोहितों के द्वारा पूजा शुरू की जाती है.पाली ब्रह्म स्थान में लाख नाम महादेव की पूजा उत्साहित माहौल में संपन्न हुआ जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया.