पटना, शंभु देव झा। 14 नवंबर को प्रथम प्रहर के साथ एकादशी पड़ने के चलते कई जगहों पर देवोत्थान एकादशी व्रत कल रविवार को भी किया गया, लेकिन उदया तिथि में सोमवार को भी एकादशी का योग है। इसलिए आज भी अतः सोमवार को भी शुभ मुहूर्त में देवोत्थान एकादशी किया जा रहा है।
यह कहना है ज्योतिषाचार्य पं.पद्मशिवा कांत का। उन्होंने कहा कि इसी के साथ अब मांगलिक कार्यों के लिए शहनाई भी गूंजेगी। पं.पद्मशिवा ने बताया कि नेम नियम और निष्ठा से एकादशी व्रत करनेवाले पूण्य के भागी होते हैं।
Read also देश में ग्यारह सूर्य मंदिरों को पुरातत्ववेताओं ने खोजा,एक अभी भी है अज्ञात
कार्तिक मास की यह तिथि विशेष एश्वर्य तिथि मानी जाती है, जिसमें शाम के समय भगवान को आग्रह पूर्वक विश्व संचालन हेतु सनातन मत निवेदित होते हैं। माना जाता है कि देवोत्थान एकादशी या ड्योठान पर सोये हुए भगवान फिर से उठते हैं या उठाए जाते हैं। इसी दिन से शुभ कार्य खास कर विवाह आदि की फिर से शुरुआत होती है। एस वर्ष अब आज के से दिसंबर तक मात्र 12 मुहूर्त ही शादी के लिए बताए गए हैँ।
देवोत्थान एकादशी के इस अवसर पर दैवज्ञशिरोमणि पं.गणेश कान्त झा ने शुभकामनाएं देते हुए मानव कल्याण की बात कही है।