पटना सिटी, संवाददाता। बिहार के लोक गायन के क्षेत्र में भीष्म पितामह रहे 95 वर्षीय कलाकार-लोकगायक जगन्नाथ पंडित नहीं रहे। उनका निधन शनिवार को पटना सिटी स्थित मखनी तल निवास स्थान पर हो गया। इससे पूरा बिहार जगत के कलाकार और पटना सिटी के कलाकारों का जमावबाड़ा लग गया। इससे कला जगत में शोक की लहर फैल गई है। उनके निवास स्थान से पार्थिव शरीर को लेकर शोभायात्रा निकालकर सभी ने खाजेकला घाट पास ले जाया गया जहां घाट पर उनके पोते के द्वारा मुखाग्नि दिया गया। जगन्नाथ पंडित गायक और वादन के चर्चित कलाकार रहे हैं।
उनकी गायकी को लोग 75-80 वर्षों से सुनते आ रहे थे। उनकी लोक गायकी के कई सहयोगी और शिष्य जैसे श्रीमती विंध्यवासिनी देवी, पंडित सियाराम तिवारी, आदि कलाकार के लिए भी वो आदरणीय रहे हैं।
भारत के कई प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, महामहिम राज्यपाल, और अन्य मंत्री, सहित कई संस्थाओं के से वो सम्मानित हो चुके थे।यह अलग बात है कि कभी भी बिहार सरकार या भारत सरकार ने ना तो “भारत रत्न”, “पद्मश्री”, “पदभूषण ” देकर उन्हें सम्मानित नही किया। राष्ट्रीय /अंतराष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त रंगकर्मी व सांस्कृतिक पुरुष विश्वमोहन चौधरी” संत” ने भारत सरकार के प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति से अनुरोध किया कि मरणोपरांत स्वर्गीय जगन्नाथ पंडित को सम्मानित किया जाए। विश्वमोहन चौधरी” संत” ने बिहार सरकार से भी निवेदन किया है कि इनके परिवार की दयनीय स्थिति को देख कर परिवार के किसी भी एक कलाकार को सरकारी नोकरी दी जाए ताकि उनके परिवार को दी जून को रोटी मिल सके।
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उनकी शोभा यात्रा में,इवेंट निर्देशक नीरज सिन्हा,मुकेश सिन्हा,गणेश राज,संजय कुमार, उदयन झा, सन्नी गुप्ता, संनिकुमार, बड़े बेटे संगीत निर्देशक विनोद पंडित, भोलाजी, अरुण कुमार गौतम सहित भारी संख्या में लोग शामिल आदि प्रमुख थे।