पटना, संवाददाता। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज वाल्मीकिनगर (पश्चिमी चंपारण) में जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत पुरानी त्रिवेणी नहर में विकसित किये गए बोट सफारी का फीता काटकर लोकार्पण किया। पर्यटकों को बोट सफारी का लोकार्पण के पश्चात् मुख्यमंत्री ने बोट सफारी के अंतर्गत नौकायान कर पुरानी त्रिवेणी नहर का मुआयना भी किया। मुआयना के क्रम में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि पुरानी त्रिवेणी नहर में बोट सफारी की शुरुआत हुई है इसलिए इसके पानी के फ्लो को भी ध्यान में रखना होगा।
मुख्यमंत्री ने पुरानी त्रिवेणी नहर (डेड कैनाल) के प्रारंभ एवं अंतिम छोर का स्थलीय निरीक्षण भी किया। इस दरम्यान मुख्यमंत्री ने डेड कैनाल के आखिरी छोर (एंड पॉइंट) को दोनों कैनाल से जोड़ने का निर्देश दिया ताकि बोट सफारी हेतु डेड कैनाल में जलस्तर मेंटेन रहे। वही डेड कैनाल के प्रारंभिक छोर (स्टार्ट पॉइंट) को सड़क के नीचे से गंडक नदी से जोड़ दें ताकि पानी का फ्लो होता रहे।
मुख्यमंत्री ने वाल्मीकिनगर में गंडक नदी के तट पर प्रस्तावित वाल्मीकि सभागार के लिए चिन्हित भूमि का निरीक्षण किया। निरीक्षण के क्रम में मुख्यमंत्री ने वाल्मीकि सभागार के मास्टर प्लान, लोकेशन मैप, गेस्ट हाउस, फ्लोर प्लान का अवलोकन कर वाल्मीकि सभागार तक आवागमन हेतु लिंक पथ, पार्किंग, सिक्योरिटी बैरक, प्रवेश एवं निकास द्वार के संबंध में अधिकारियों से विस्तृत जानकारी ली।
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निरीक्षण के क्रम में अधिकारियों को निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह जंगल का इलाका है, जिसे ध्यान में रखते हुए वाल्मीकि सभागार की चहारदीवारी की ऊंचाई सुनिश्चित होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह स्थल महर्षि वाल्मीकि के नाम पर है, जिस प्रकार गया में भगवान बुद्ध के नाम पर महाबोधि सांस्कृतिक केंद्र का निर्माण कराया गया है, ठीक उसी प्रकार यहां निर्मित होनेवाले 102 कमरों के सभागार का नामकरण वाल्मिकी सभागार किया गया है। इसके खुले हिस्से में वृक्षारोपण भी किया जाएगा।