श्री गजेन्द्र मोक्ष देवस्थान हरिहर क्षेत्र सोनपुर में कोविड प्रोटोकाल अनुसरण करते हुए धनुर्मास की समाप्ति पर श्री गोदाम्बा और श्री रंगनाथ भगवान का कल्याण महामहोत्सव (विवाहोत्सव) वैदिक मंत्रों के साथ मनाया गया। इस अवसर पर संस्थानम के पीठाधीपति जगतगुरु स्वामी लक्ष्मणाचार्य जी महाराज ने श्री गोदा जी कथा सुनाते हुए बताया कि श्री गोदाम्बा श्री तुलसी वृक्ष से प्रकट हुई, जिनका पालन पोषण श्री विष्णुचित स्वामी भगवान रंगनाथ के लिए जो तुलसी की माला प्रत्येक दिन बनाते और स्नान कर आने के बाद भगवान रंगनाथ जी को पहनाते थे।
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एक दिन श्री विष्णुचित स्वामी स्नान कर आते ही देखा गोंदा जी वह माला पहनकर अपने को निहार रही हैं ऐसा देखकर श्री विष्णुचित स्वामी उदास होते हैं कि भगवान का माला मेरी बेटी धारण कर रही है, यह दृश्य भगवान श्री रंगनाथ जी भी देख रहे थे और प्रकट होते हैं। इस प्रकार गोदा जी, जो स्वयं मां लक्ष्मी की अवतार हैं जिनका श्री रंगनाथ भगवान से विवाह बंधन में विष्णुचित स्वामी कराते हैं और वो अंतर्ध्यान हो जाते हैं।
यह कथा द्रविड़ देश के श्री विल्लीपुतुर का कलयुग के 200 वर्ष बीतने की है, उपर्युक्त अवसर पर दिलीप झा, नन्द किशोर तिवारी, समाजसेवी लालबाबू पटेल, फ़ूल झा, ज्ञान्ती देवी, रानी देवी, संस्थान के मैनेजर नन्द कुमार राय आदि भक्तजन उपस्थित थे।