मुकेश महान। कमर दर्द एक सामान्य परेशानी है, लेकिन इसे नजरअंदाज करना कभी कभी बेहद खतरनाक भी होता है इसलिए जरूरी है कि अगर कमर दर्द 10 दिन या इससे ज्यादा दिनों तक रहे तो तुरंत विशेषज्ञ डाक्टर से संपर्क करना चाहिए। ये बातें बिहार के प्रमुख स्पाइन सर्जन और सिसरो अस्पताल के निदेशक डा. अभिषेक सर्राफ ने xposenow.com से एक मुलाकात में कही। डा. अभिषेक ने कहा कि कमर दर्द तबतक सामान्य है जब तक 10 दिनों के अंदर ठीक हो जाता हो। लेकिन अगर यह 10 दिनों बाद नी जारी रहता है तो गंभीर हो सकता है। इसलिए योग्य चिकित्सक की देख रेख में इलाज जरूरी हो जाता है। डा. अभिषेक बताते हैं कि लंबो समय तक कमर में दर्द के कई कारण होते हैं। मसलन हड्डी में खराबी या ट्यूमर का होना, रीढ़ की हड्डी में किसी तरह का इंफेक्शन का होना, बोन टीबी या स्पाइन टीबी का होना। कभी कभी लकवा का कारण भी बोन टीबी ही होता है।
डा. अभिषेक कहते हैं कि बोनटीबी और लकवा जानलेवा भी हो सकता है। इन सब में किसी एक के कारण भी लंबे समय तक कमर दर्द रह सकता है। समय पर इलाज नहीं होने से ये गंभीर रूप धारण कर सकते हैं। डा. अभिषेक कहते हैं कि बोन टीबी के मामले में 40 प्रतिशत तक डायग्नोसिस ही गलत होते रहे हैं। कई बार गलत डायग्नोसिस के कारण बेवजह टीबी की दवा मरीज को खानी पड़ जाती रही है। इसके साइड इफेक्टस भी देखे जाते रहे हैं। इसमें एक और सावधानी बरतने की जरूरत है। कई बार मल्टी ड्रग रेसिस्टेंट बोन टीबी भी होता है। ऐसे में अगर दवा का चयन सही नहीं होता है तो बीमारी ठीक होने की जगह और जटिल होती चली जाती है। और अंततः जटिल होते होते जानलेवा भी हो जाती है।
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डा. अभिषेक कहते हैं कि दर्द की दवा चलने के बाद तीन हफ्ते के में आराम नहीं हो पाता है तो गंभीर इलाज की जरूरत पड़ सकती है। कैसे पहचानें कि कमर दर्द गंभीर हो सकता है, इस सवाल के जवाब में डा. अभिषेक कहते हैं कि तीन हफ्ते में दर्द का ठीक न होना,साइटिका टाइप का दर्द होना, पांव में सुनापन या कमजोरी महसूस होना, पेशाब या पखाने में रुकाबट होना, ये सब गंभीर कमर दर्द के लक्षण हैं। जबकि सामान्य दर्द चोट या गठिया के कारण या हो सकते हैं। विटामिन डी की कमी या कमजोर मांसपेशियों के कारण ऐसा हो सकता है, कभी कभी साधारण इंफेक्शन भी सामान्य कनर दर्द के कारण बनते हैं। सामान्य कमर दर्द का आसान इलाज भी है फिजियोथेरेपी या सामान्य दवा से ये आसानी 10 दिनों के अंदर ठीक हो जाते हैं।
डा. अभिषेक सर्राफ कहते हैं कि कमर दर्द का इलाज 90 प्रतिशत टंजरवेटिव ट्रीटमेंट से हो जाता है। मात्र 10 प्रतिशत मामले में ही इंटरवेंशन की जरूरत पड़ती है। वो जोर देकर कहते हैं कि 99 प्रतिशत इलाज अगर समय पर हो तो ठीक हो सकता है। और अंत में आम लोगों को सलाह देते हुए कहते हैं कि कमर जो पूरे शरीर का वजन दिनभर ढ़ोता है उस पर कोई व्यक्ति 5 मिनट्स भी नहीं देना चाहता है। अगर कमर के एक्सरसाइज पर इंसान 5-10 मिनट प्रतिदिन देने लगे तो कमर की परेशानी की संभावना ही कम जाती है।