पटना, संवाददाता। सिलाई-कढ़ाई का प्रशिक्षण महिलाओं के लिए जरूरी। सामाजिक संगठन दीदीजी फाउंडेशन की संस्थापिका और ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस (जीकेसी) बिहार की प्रदेश अध्यक्ष डा. नम्रता आनंद का कहना है कि सिलाई-कढ़ाई का प्रशिक्षण महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाता है।
राजधानी पटना के कुरथौल स्थित फुलझड़ी गार्डन में दीदी जी संस्कारशाला में सिलाई प्रशिक्षण का दूसरा बैच शुरू कर दिया गया है। गौरतलब है कि पहले बैच में 30 महिलाओं को सिलाई का प्रशिक्षण दिया जा चुका है। डा. नम्रता ने कहा कि दीदी जी संस्कारशाला में महिलाओं को तीन महीने तक निशुल्क सिलाई का प्रशिक्षण दिया जाता है। उन्होंने कहा कि जीकेसी की प्रबंध न्यासी रागिनी रंजन से प्रेरित होकर महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में दीदी जी फाउंडेशन ने कदम उठाया है। महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए इस तरह का प्रयास लगातार किया जाता रहेगा। महिलाओं को प्रशिक्षण देकर उनमें और भी कई तरह के हुनर पैदा किए जाएंगे। सिलाई-कढ़ाई एक ऐसी कला है, जिससे महिलाएं घर पर रह कर अपने जीवन यापन के लिए स्व रोजगार कर कर सकती हैं।
डा. नम्रता आनंद ने कहा कि आने वाले समय में पूरे पंचायत की जरूरतमंद महिलाओं को इस तरह प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण प्राप्त कर चुकी महिला और युवतियों को संस्थान द्वारा प्रमाण पत्र भी दिया जाता है। आने वाले दिनों में ब्यूटीशियन कोर्स, मेहंदी कोर्स जैसे अन्य जॉब ऑरिएंटेड कोर्स भी महिलाओं के हित के लिए शुरू किया जाएगा।
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प्रशिक्षक सुनीता मिश्रा ने कहा कि युवतियों और महिलाओं सिलाई सिखने का जज्बा देख कर मन प्रसन्न हो जाता है। पहले बैच की कुछ महिलाएं तो सिलाई कर अपने परिवार के लिए कुछ धनोपार्जन कर भी रही हैं।
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पुष्पा कुमारी, आरती कुमारी, नेहा कुमारी, मिन्नी देवी, अंजली कुमारी, सुनीता देवी, पूजा कुमारी, काजल कुमारी, सुष्मा कुमारी, रानी देवी, नेहा कुमारी, शोभा देवी, अनिता कुमारी, संजू कुमारी, काजल कुमारी, प्रीति कुमारी, तनु कुमारी समेत कई महिलाएं और युवतियां दूसरे बैच में प्रशिक्षित हो रही हैं।