पटना/नयी दिल्ली, संवाददाता। सोशल सर्विस एक्सीलेंस अवार्ड । लंदन ( यूके ) की संस्था इंटरनेशनल ह्यूमन राइट्स यूनियन ने समाजसेवा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिये राजकीय-राष्ट्रीय सम्मान से अंलकृत बिहार की समाजसेविका और दीदीजी फाउंडेशन की संस्थापक डा. नम्रता आनंद को सोशल सर्विस एक्सीलेंस अवार्ड 2022 से सम्मानित किया।
अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस 10 दिसंबर के अवसर पर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में इंटरनेशनल ह्यूमन राइट्स यूनियन ने विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय भूमिका निभाने वाले लोगों को सम्मानित किया है। सामाजिक क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने के लिये दीदीजी फाउंडेशन की संस्थापक डा. नम्रता आनंद को मोमेंटो और अंगवस्त्र देकर सोशल सर्विस एक्सीलेंस अवार्ड 2022 से सम्मानित किया गया। बिहार से सम्मानित होने वाली वो इकलौती और चयनित एकमात्र उम्मीदवार थीं।
डा. नम्रता आनंद को यह सम्मान पूर्व सांसद आरके सिन्हा और पूर्व सासंद महाबल मिश्रा ने दिया। डा. नम्रता आनंद ने यह सम्मान दिये जाने पर खुशी जाहिर की और इसके लिये इंटरनेशनल ह्यूमन राइट्स यूनियन के जेनरल सेकेट्री संदीप स्नेह का शुक्रिया अदा किया है।
इस अवसर पर डा. नम्रता आनंद ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस हर साल 10 दिसंबर को मनाया जाता है। यह दिन समानता, स्वतंत्रता और मानवीय गरिमा की सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है। ‘मानवाधिकार’ मूल अधिकारों या स्वतंत्रताओं को संदर्भित करता है, जिसमें लोगों के जीने का अधिकार, स्वास्थ्य, शिक्षा, भाषण और विचारों की स्वतंत्रता और समान अधिकार शामिल हैं।
दुनिया में सभी को समानता का अधिकार मिले, इस दुनिया में जो भी हैं सभी समान रूप से जीने का अधिकार रखते हैं। मानव अधिकार मतलब विश्व में रहने वाले हर मानव के लिए बिना भेदभाव के कुछ एक समान लेकिन विशेष अधिकार। यह अधिकार समूची दुनिया को एक सूत्र में बांधते हैं और मानव को मानवीय तरीके से जीवनयापन करने का अधिकार देता है। दरअसल किसी मनुष्य के साथ कोई भी भेदभाव नहीं हो यह मानव अधिकार है।