उदयपुर,संवाददाता। ग्लोबल कायस्थ कान्फ्रेंस के दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन आज संपन्न हो गया दूसरे दिन जीकेसी राष्ट्रीय अधिवेशन में ग्लोबल कायस्थ कान्फ्रेंस के ग्लोबल अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि अगले कुछ समय में कायस्थ नेताओं के 1000 से अधिक लोगों को तैयार करना है, इसके किए हमे आगे आकर कार्यक्रम के रूपरेखा तय करने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि जीकेसी एक लोकतांत्रिक संगठन है, इसमें प्रत्येक व्यक्ति को अभिव्यक्ति की आजादी है। आगामी 2023-24 तक सत्ता द्वारा की जा रही कायस्थ समाज की उपेक्षा की कुंभकर्णी नींद तोड़ दिया जायेगा। इस संकल्प को पूरा करने का कार्य जीकेसी के कार्यकर्ता करेंगे। उन्होंने कहा कि कायस्थों का अपना इतिहास रहा है विभिन्न काल खंडों में महापुरुषों ने अपने द्वारा किए गए कार्यों से समाज को गौरवान्वित किया है। और राष्ट्र को मजबूत करने का कार्य किया है। कायस्थ समाज सदैव से राष्ट्रवादी रहा है। उन्होंने कहा कि हमें कायस्थ समाज के महापुरुष जय प्रकाश सहित अन्य महापुरुषों की कुर्बानी व्यर्थ नहीं जाने देनी होगी।
पूर्व मंत्री रीबू श्रीवास्तव ने कहा कि आजादी के बाद अगर किसी जाति का सबसे राजनैतिक और आर्थिक पतन हुआ है तो वह कायस्थ है। हमने देश को कभी बांटा नहीं तो क्या यह हमारी गलती है, आज हमें कायस्थ समाज के लिए आगे आना होगा। क्योंकि जाति के इस जहर को जाति के जहर से ही काटा जा सकता है। कायस्थ समाज के लोगों को आगे आना होगा। कार्यक्रम में ग्लोबल महामंत्री अनुराग सक्सेना ने कार्यक्रम का संचालन किया।
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जीकेसी राष्ट्रीय अधिवेशन में प्रबंध न्यासी रागिनी रंजन, ग्लोबल उपाध्यक्ष अखिलेश श्रीवास्तव, शुभ्रांशु श्रीवास्तव दीप श्रेष्ठ नवीन कुमार संतोष श्रीवास्तव, जितेंद्र श्रीवास्तव डा. नम्रता आनंद, काजल श्रीवास्तव, नंदा कुमारी, नवीन कविता, पवन सक्सेना विवेक भटनागर, राजेश श्रीवास्तव, मितेश कर्ण, सुनील श्रीवास्तव, हीरालाल कर्ण, आदित्य नाग, नवीन श्रीवास्तव, सौरभ श्रीवास्तव, विपिन श्रीवास्तव, सपना वर्मा, रचना सक्सेना, सोमीका श्रीवास्तव, पवन सक्सेना, बलराम श्रीवास्तव, नंदा कुमारी, शिवानी गौर, राजन सक्सेना, दिवाकर वर्मा, अनिल दास, अशोक दास, कविता वर्मा, आगम श्रीवास्तव,, विशाल श्रीवास्तव, जितेंद्र श्रीवास्तव, राजीव सक्सेना, प्रदीप कुमार, डॉक्टर एसएन अस्थाना, राकेश अमबष्ट, दीपांशु श्रीवास्तव, कार्यक्रम में शामिल रहे। कार्यक्रम में कुबैत, नेपाल, यूएई सहित देश भर से आए हुए लोगों को सम्मानित भी किया गया।
इसके पूर्व कला एवं संस्कृति प्रकोष्ठ द्वारा सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया। जिसमें पवन सक्सेना के नेतृत्व में विभिन्न कार्यक्रमों का प्रदर्शन किया गया, जिसमे काजल सक्सेना और शिवानी गौड़ द्वारा सफल संचालन किया गया। कार्यक्रम में सोनिका वर्मा का कथक, राकेश माथुर का सूफी सांग, नव्या और विबंसा का नृत्य, राकेश श्रीवास्तव का गजल, दीपांकर वर्मा के गीत, प्रदीप कुमार का काव्य पाठ, नेहा-मनीषा का युगल गीत प्रस्तुत किया गया।