पटना, मुकेश महान। प्रांगण द्वारा आयोजित पांच दिवसीय पाटलिपुत्र नाट्य महोत्सव 2022-23 के आखिरी दिन 6 फरवरी को नाटक सामन्ता चंद्रशेखर प्रस्तुत किया गया। यह सम्पर्क, राउरकेला (उड़ीसा) की प्रस्तुति थी। इस नाटक के नाटककार और निर्देशक हैं भास्कर चन्द्र महापात्र।
नाटक का कथ्य उड़िसा के एक ऐसे रीयल हीरो सामन्ता चंद्रशेखर सिंह हरिचंदना महापात्रा की जीवनी पर आधारित है जो निज स्वार्थ त्यागकर बिना लाग-लपेट अपना सर्वस्व दूसरों के कल्याण और समाज हित में लगा दिया है। इनका जन्म खानदापदा साम्राज्य में हुआ था। वे अपनी गरीबी और बीमारी से लगातार जूझते रहे। फिर भी सदा बाँस या लकड़ियों का औजार बनाकर आकाश को निहारते रहते थे। पेड-पौधों का अवलोकन करते रहते थे। वे लगातार कुछ ढूंढ रहे होते थे और इसी काम में उन्होंने अपना पूरा जीवन खपा दिया। पेड़-पौधों की स्थिति और गतिशीलता पर किये गये अपने खोज के परिणामस्वरूप उन्होंने दुनिया को बेमिसाल तोहफा दिया जो बाद में समाज और दुनिया के लिए वरदान साबित हुआ। इसी अन्वेषण और उपलब्धि पर आधारित उन्होंने एक किताब भी लिखी, “सिद्धान्त दर्पण। उड़िया साहित्य के लिए एक थाती ही है।
मंच पर भास्कर चन्द्र महापात्रा और बुशिन्धा मोहन्ती ने अपने अभिनय परिपक्वता से दर्शकों को प्रभावित किया। विजय पात्रो, सुरेन्द्र पाघी, प्रलय सतपथी, तृप्ति नारायण मिश्रा, प्रज्ञानन्द मोहन्ती, पुष्पा बिशोई, सस्मित बेक, सेदेशना रानी राउत, सुरभि राणा ने भी अपनी अभिनय क्षमता को प्रस्थापित किया है।
इस प्रसतुति के लिए संगीत शक्ति प्रसाद मिश्रा ने दिया है। जबकि प्रकाश व्यवस्था राकेश सतपथी का थी। मंच व्यवस्था प्रलय सतपथी ने संभाल रखी थी तो रूप सज्जा मामा चित्रालय (पिंक) की थी।
Read also- नाटक गधे की बारात दिखी 37वाँ पाटलिपुत्र नाट्य महोत्सव में
इस मंचीय नाटक के पहले खगौल की नाट्य संस्था एकजुट ने नुक्कड़ नाटक बापू की हत्या हजारवीं बार प्रस्तुत किया।इसके लेखक सुशील कुमार सिंह और निर्देशक अमन कुमार थे।
इस नाटक में यह दिखाने का प्रयास किया गया है कि दुनिया को मानवता का मार्गदर्शन देनेवाले बापू के देश में आज भी उनके आदर्शों की अनदेखी हो रही है। दहेज, नशा, बाल विवाह, भ्रष्टाचार, स्वच्छता आदि से मुक्ति के लिए बापू का यह देश आज भी छटपटा रहा है। हम बापू के स्वभाव के विपरीत अपने कर्तव्य से विमुख होते जा रहे हैं।नाटक जनसमुदाय को बापू के आदर्शों पर चलने को प्रेरित करता है।
इसे भी पढ़ें- महाशिवरात्रि 2023 : जानें कब है मुहूर्त और क्या है पूजा विधि
अभिनय कर रहे कलाकारों में पागल 1- अमन कुमार, पागल 2- दीनानाथ गोस्वामी, नेता अमरजीत शर्मा, सूत्रधार-सौम्या भारती, शराबी रोहन राज, वैष्णव–प्रशांत कुमार और भिखारी- अजय कुमार ने अपने अभिनय से लोगों का दिल जीत लिया।प्रस्तुति में संगीत श्यामाकांत/रंजित दास का था।
पाटलिपुत्र नाट्य महोत्सव के अंतिम दिन प्रसतुतियों के अतिरिक्त प्रांगण, पटना द्वारा लोक गायन का कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया गया। इस कार्यक्रम में रामकृष्ण सिंह,कुंदन कुमार,शिखा कुमारी,मोनी कुमारी, ने अपनी अपनी प्रस्तुति दी। संगीत में सहयोगी कलाकार थे-विकास कुमार (ढोलक),समीर कुमार (बांसुरी)और संजय कुमार (इफैक्ट)।