पटना, संवाददाता। बिहार एटक के महासचिव होने के नाते हम यूपी सरकार से आग्रह करते हैं कि मजदूरों के शोषण और हठी रवैया की जगह मानवीय रूप अपना कर बिजली मजदूर की समस्या का समाधान करें। ये बातें एक विज्ञप्ति के माध्यम से एटक बिहार के ग़ज़नफ़र नवाब ने कही।
उन्होंने कहा कि यूपी में उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) के 650 आउटसोर्सिंग संविदाकर्मियों की सेवा समाप्त कर दी गई है। साथ ही कर्मचारी उपलब्ध नहीं करा पाने पर 7 एजेंसियों पर केस दर्ज किया गया है। वहीं काम नहीं करने वालों पर तत्काल FIR दर्ज कराने के निर्देश दिए गए हैं। जिन एजेंसियों पर FIR हुई है उन्हें प्रतिबंधित भी किया गया है। अब भविष्य में निगम में ये एजेंसिया काम नहीं कर सकेंगी।
ग़ज़नफ़र नवाब ने कहा कि यह एक तरह से तानाशाही रवैया है सरकार को मजदूरों के हितों का ध्यान रखना चाहिए।
उन्होंने कहा कि अदालत का यह कहना, “जो कुछ भी हमारे समक्ष प्रस्तुत किया गया है, उसे देखकर लगता है कि एक गंभीर स्थिति उत्पन्न हुई है, जिस पर तत्काल ध्यान दिए जाने की जरूरत है। भले ही इन कर्मचारियों की मांग में दम है, तब भी पूरे राज्य को बाधा में नहीं डाला जा सकता”।
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ग़ज़नफ़र नवाब ने कहा कि अगर कर्मचारी के मांगों में दम है तो जिम्मेदारी सरकार की बनती है कि उनके मांग को मान कर बाधा उत्पन्न होने से रोकना चाहिए, न कि मजदूरों का दमन कर मामले को दवा देने का प्रयास किया जाए।
उन्होंने कहा कि बिहार एटक के महासचिव होने के नाते हम यूपी सरकार से आग्रह करते हैं कि मजदूरों के शोषण और हठी रवैया की जगह मानवीय रूप अपना कर मजदूर की समस्या का समाधान करे। हमें यह समझना चाहिए कि मजदूर ही देश का निर्माता है, इसलिए देश हित मजदूर हित से अलग हो ही नहीं सकता।