नई दल्ली। होश में रहकर जोश से काम करने का वर्ष है नया संवत्सर और हिन्दू नववर्ष। नया संवत्सर और हिन्दू नववर्ष की शुरुआत के समय जहां राजा बुध नीच का होकर अस्त भी हैं वहीं मंत्री शुक्र छठे भाव में राहु के साथ हैं और शनि से दृष्ट हैं। चतुर्थ भाव में चतुर्थेश हैं एवं पंचम भाव में पंचमेश अष्टमेश, नवमेश एवं दशमेश के साथ युत हैं। शनि जहां आगे बढ़ कर नवनवोन्मेष विचारों को प्रस्तुत करने की बात कर रहे हैं, वहीं बुध कह रह हैं, ज़रा ठहरो ! पीछे जाकर चीजों पर पुनर्विचार करो तब आगे बढ़ो।
मीन राशि के बृहस्पति, शनि की नज़र से बचकर राहत की सांस लेंगे क्योंकि जबतक शनि की दृष्टि थी, तब तक किसी भी सभा में बोलते वक्त उन्हें यही लगता था कि कहीं भद्द न पिट जाए। इस सोच की वजह से वह खुलकर काम नहीं कर पाते थे। अब वह खुलकर काम कर पाएंगे। शनि भी अब समाज की गंदगी को दूर करके उसे सर्वग्राही बनाने की दिशा में अपना प्रयास तेज करेंगे ।
अद्भुत संयोग है यह योग- नया संवत्सर और हिन्दू नववर्ष का यह समय जहां एक ओर संकल्प से सिद्धि का सूत्र पकड़ाता है, वहीँ दूसरी ओर स्व में स्थित होकर होश के साथ जोश से सृजन करने का दिशा निर्देश भी देता है।
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ग्रहों की यह स्थिति अपने देश भारत के लिए कैसी रहेगी, आइये जानते हैं-
1 जुलाई 2023 में भारत की दशा बदलकर चंद्र/ शुक्र की होगी। यह स्थिति चुनावी प्रक्रिया को लेकर महत्वपूर्ण संवैधानिक संशोधन और सोच से परे बदलाव का संकेत है। दशांश में इन ग्रहों की युति से बनने वाले योग एवं चैत्र शुक्ल प्रतिपदा की कुंडली के अनुसार जुलाई के बाद युगांतकारी परिवर्तन के आसार नजर आ रहे हैं। एक ऐसे बदलाव की शुरुआत होगी जो शताब्दियों में एक बार होता है। यह एक बड़े बदलाव की आहट है।
2 असंतुलित बारिश और तापमान में अचानक से कमी और तेजी के कारण यह वर्ष भी रोग युक्त रहने वाला है। सांसों से सम्बंधित रोग एवं नस से सम्बंधित रोग में वृद्धि का संकेत हैं। परन्तु भय में आने की स्थिति नहीं है। जीवनचर्या और खानपान में बदलाव लाया जाये तो स्थिति नियंत्रण में रह सकता है। एक महत्वपूर्ण किन्तु चिंताजनक संकेत पानी से होने वाले रोगों में वृद्धि के मिल रहे हैं। ऐसे समय में लोगों के सजग होने और अनुशासित होने का समय है।
3 हमारा जीवन आगे कुछ वर्षों तक सामान्य नहीं रहने वाला है। आर्थिक मंदी से बाहर आने के लिए सरकार की तरफ से पुरजोर प्रयास के बावजूद परिणाम बेहद उत्साहवर्धक नहीं रहेगा। लेकिन यहां से आर्थिक क्षेत्र में एशिया में सबसे तेज गति से बढ़ने वाले देश के रूप में अपनी उपस्थिति दर्ज कराएगा। अपने देश में आर्थिक मंदी के बावजूद रोजगार के नए क्षेत्र का निर्माण की उम्मीद है।
4 भारतीय शिक्षा व्यवस्था, भारतीय अर्थव्यवस्था, भारतीय न्याय व्यवस्था में हर स्तर पर महत्वपूर्ण बदलाव किये जायेंगे। नए-नए अवसरों के द्वार खुलेंगे।
5 देश में अराजक स्थिति बनाई जाने की कोशिश में तेजी आएगी। केंद्रीय सत्ता को कमजोर करने और केंद्रीय साख को धूमिल करने के लिए देश विरोधी शक्तियां अपनी सारी शक्ति लगा देगी।
6 सीमावर्ती इलाकों और सीमा क्षेत्र में आधारभूत संरचना को मजबूत किया जाएगा। सिर्फ कूटनैतिक प्रयासों में ही तेजी नहीं लाई जाएगी, वरन रक्षा तंत्र को और मजबूत किया जाएगा। घुसपैठियों के पकड़ के लिए सम्बंधित तंत्र को मजबूत किया जायेगा।
7 मंगल, शनि, सूर्य के साथ को गुरु शुक्र का समर्थन प्राप्त होना और मंगल और शनि के साथ के समय राहु का मेष राशि में होना, देश की सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क रहने का संकेत तो दे ही रहे हैं, साथ ही साथ हम सभी को भी सतर्क और सचेत रहने का संकेत दे रहे हैं।
8 भारत की युद्धनीति में महत्वपूर्ण बदलाव किये जाने के संकेत भी इस नए वर्ष मिल रहे हैं। चीन के साथ किसी बड़े युद्ध की संभावना नहीं है, लेकिन हमें सतर्क और सचेत रहने की जरूरत ह। चीन हमें देश की सीमा पर तो उलझा कर रखेगा ही, साथ ही साथ यह देश के भीतर भी अपना उपद्रवी प्रयास बढ़ाएगा। धर्म और जातीयता के नाम पर असंतोष बढ़ाकर आंतरिक रूप से देश को अस्थिर करने के प्रयासों में तेजी लाएगा। चीन अपनी छल नीति का प्रयोग करके हमें उकसाने का कार्य करेगा, भिन्न भिन्न षड्यंत्रों के माध्यम से हमें घेरने का प्रयास करेगा, लेकिन भारत उसके बिछाये जाल में नहीं फंसेगा। भारत अभी मजबूत स्थिति में है। परन्तु सीमा सम्बन्धी नीतियों में हमारी छोटी सी भी चूक आत्मघाती हो सकती है। जलीय मार्ग, समुद्री मार्ग पर हमें गिद्ध दृष्टि रखनी होगी, चीन के साथ साथ पाकिस्तान पर भी नज़र रखे जाने की जरूरत है।
9 भारत ही नहीं, वरन विश्व में राजनैतिक और सैन्य गतिविधियां बढ़ेंगी, जिसकी वजह से विश्व के कई देशों के साथ भारत के पहले से चले आ रहे व्यापार सम्बन्ध बाधित होंगे और नए संबंधों की नींव डाली जागी।
10 सरकार के लिए इस साल भी बढ़ती महंगाई पर लगाम लगाना एक कठिन चुनौती होगी।
11 नव विचारों का संवाहक होगा यह वर्ष। शोधार्थियों के लिए एक बेहतर वर्ष सबित होगा। असाध्य बीमारियों पर किए गए शोध कार्य को सम्मानित करने के भी संकेत मिलता है।
12 अतिकामुकता और दूसरे के क्षेत्र पर अधिकार जताना इन दो घटनाओं की वजह से अपमान और शर्म की स्थिति बन सकती है।
13 जगह जगह छात्र असंतोष की स्थिति से निबटना एक महत्वपूर्ण चुनौती होगी।
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वैश्विक स्तर पर नया संवत्सर और हिन्दू नववर्ष का प्रभाव-
हम सब ग्लोबल विलेज का हिस्सा बन चुके हैं इसलिए विश्व में कहीं भी होने वाली हलकी सी बदलाव हमें भी प्रभावित करेगी।
1 वित्त के क्षेत्र में गहराते संकट के बीच शेयर मार्किट में बहुत ज्यादा उथल पुथल रहने की स्थिति है। इसलिए इस वर्ष बाजार में सोच समझ कर ही निवेश करें।
2 अकेलापन महसूस किया जाना, भ्रम और असंतोष की स्थिति में रहना, मानसिक उलझन में रहना, इस तरह की समस्याओं में वृद्धि होगी। कहने का तात्पर्य यह कि मनोकायिक रोगों से ग्रसित व्यक्ति की संख्या में वृद्धि होगी।
3 वर्ष की शुरुआत से ही प्रकृति का असंतुलन दिखेगा। पिछले वर्ष की अपेक्षा ज्यादा गर्म साल होगा। चक्रवातीय तूफान, भूकंप की स्थिति बनेगी। तटीय क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सावधान और सतर्क रहने के संकेत हैं। इन घटनाओं के घटित होने के लिए महत्वपूर्ण माह और दिन हैं। आगे आने वाले माहों में इन दोनों ने साथ मिलकर अपनी जुगलबंदी से प्राकृतिक अस्थिरता जैसे . साइक्लोन, भूकंप तेज बारिश, के लिए कुछ खास समय संवेदनशील हैं जो निम्नलिखित हैं।
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नया संवत्सर और हिन्दू नववर्ष का यह समय खास तौर पर संवेदनशील है। ऐसे समय में सावधानी जरूरी है।
–1 अप्रैल का पहला सप्ताह- ( hailstorm )
2 18-23 अप्रैल- ( period to be watched very carefully for cyclone & earthquake)
3 मई माह का पहला सप्ताह- pre monsoon rain
4 15/16/17 जून- मानसून की पहली ज़ोरदार बारिश
5 july का दूसरा सप्ताह. Unexpected change in climate
6 22’July – 14’August – Heavy rainfall
7 4 September- 20 October – depressive situation बनने की वजह से कहीं कहीं तेज हवाओं के साथ तेज बारिश।