विश्वभर के कायस्थों का होगा दिल्ली में जुटान। लोक सभा चुनाव की तैयारियां सभी पार्टियों द्वारा शुरु कर दी गई है। बिहार सहित देश भर में इसक...
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लोक सभा चुनाव को लेकर दिल्ली में जुटेंगे विश्वभर के कायस्थ:रागिनी रंजन

कायस्थों के सामाजिक,आर्थिक और राजनितिक उत्थान के लिए लगातार सक्रिय विश्वसतरीय संगठन ग्लोबल कायस्थ कांफ्रेंस ने अब सत्ता में कायस्थों की भागीदारी के लिए अपनी तैयारी शुरु कर दी है। संस्था की प्रबंध न्यासी रागिनी रंजन कहती हैं – इसको लेकर 2024 के शुरु में ही दिल्ली में एक बार फिर से कायस्थों का महाजुटान होगा। सत्ता में कायस्थों की भागीदारी के लिए वहां चिंतन-मनन के बाद रणनीति तय की जाएगी।

मुकेश महान। विश्वभर के कायस्थ जुटेंगे दिल्ली में। लोक सभा चुनाव की तैयारियां सभी पार्टियों द्वारा शुरु कर दी गई है। बिहार सहित देश भर में इसकी आहट सुनाई पड़ने लगी है। ऐसे में कायस्थों की विश्व स्तरीय संस्था ग्लोबल कायस्थ कांफ्रेस ने भी राजनीति में कायस्थों की भागीदारी को लेकर अपनी रणनीति बनानी शुरु कर दी है। देश भर में कायस्थ अब उन्हीं पार्टियों के साथ होगी, जो कायस्थों के साथ खड़ी है,जो कायस्थों को सही हिस्सेदारी अपनी पार्टी में दे रही है। विश्वभर के कायस्थों ने तय कर लिया है कि अब यूज एंड थ्रो का रवैया कायस्थ नेताओ के साथ किसी भी पार्टी की नहीं चलेगी।
ये बातें ग्लोबल कायस्थ कांफ्रेस (जीकेसी) की प्रबंध न्यासी रागिनी रंजन ने कही। प्रेस को जारी एक बयान में रागिनी रंजन ने कहा कि देश भर में जहां कायस्थों का बहुमत है, वह सीट कायस्थों की है, चाहे पार्टी कोई भी हो, जीतेंगे कायस्थ उम्मीदवार ही। और इसके लिए जीकेसी अपनी पूरी शक्ति लगाएगी।

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श्राीमती रागिनी ने कहा कि जो हमारे साथ हैं, हम उनके साथ हैं का नारा इस बार हकीकत में बदलेगा। बहुत हो गया पार्टियों द्वारा कायस्थों का इस्तेमाल। अब और नहीं। अपने इस नारा को जमीन पर उतारने के लिए विश्व भर से कायस्थ लोकसभा चुनाव के ऐन पहले दिल्ली में जुटेंगे और इसको लेकर चिंतन मनन के बाद नई रणनीति तैयार की जाएगी। रागिनी रंजन ने कहा कि कायस्थों का यह महाजुटान जीकेसी की अगुवाई में होगी।

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उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि जो पार्टियां हमे राजनीति में हमारी हिस्सेदारी देगी, हमारा सहयोग और समर्थन उसे ही मिलेगा।उन्होंने कहा कि राजनीति में कायस्थ पिछड़ रहे हैं इसका एक कारण यह भी है कि कायस्थ नेताओं की कमी है,कायस्थ राजनीति में नहीं आना चाहते हैं। इस कमी को दूर करने के लिए देश भर में एक हजार कायस्थ नेता बनाने का संकल्प जीकेसी ने लिया है। और हम इस संकल्प को जरूर पूरा करेंगे।