पटना/मुजफ्फरपुर,मुकेश महान। सामयिक परिवेश कर्नाटक इकाई ने ऑनलाइन काव्य गोष्ठी का आयोजन किया। हालाकि यह कर्नाटक इकाई का आयोजन था लेकिन इस कार्यक्रम में सामयिक परिवेश से जुड़े देशभर के कवियों ने भाग लिया।
कार्यक्रम में सभी प्रतिभागियों ने अपनी एक से बढ़ कर एक रचनाओं से पटल को सुसज्जित किया। अपने सुमधुर स्वर से सभी ने पटल को आह्लादित किया। इन सब की रचनाओं ने पटल पर साहित्य रस की वर्षा की और एक नई ऊंचाई प्रदान की।
कार्यक्रम में सामयिक परिवेश कर्नाटक पटल की ई पत्रिका का विमोचन भी किया गया। शुरुआत डॉ.मीना कुमारी परिहार की बड़े ही सरस स्वर में की गई सरस्वती वंदना से हुई। संस्था की संस्थापिका और बिहार की वरिष्ठ साहित्यकार ममता मेहरोत्रा ने अपने उद्बोधन से कवियों को प्रोत्साहित तो किया ही साथ उनका मान भी बढ़ाया।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि जय प्रकाश अग्रवाल ने प्रभावी अंदाज में उद्बोधन दिया, उन्होंने साहित्यिक संस्था सामयिक परिवेश की प्रशंसा करते हुए कहा कि संस्था की खासियत है कि यह अपने कार्यक्रम में लगातार निरंतरता बनाए रखती है। और बहुत ही अनुशासित ढ़ंग से कार्यक्रम संपन्न होता है।
कवि गोष्ठी का संचालन बिहार के मुजफ्फरपुर की सविता राज कर रही थीं। सविता राज अपने चुटिले और विशेष अंदाज के संचालन के लिए जानी जाती हैं। उनका यह अंदाज आज भी इस कार्यक्रम में दिखा।
काव्यपाठ करने वाले रचनाकारों में डॉ. मीना कुमारी परिहार, डॉ.बांका बहादुर अरोड़ा, अंजू भारती, सुधा पाण्डेय बिहार, जय प्रकाश अग्रवाल काठमांडू, इश्वर चंद्र जायसवाल उत्तर प्रदेश, डॉ.ऊषा किरण श्रीवास्तव, रामनिवास तिवारी आशुकवि निवाड़ी मध्य प्रदेश, माधवी लता, दिलीप कुमार शर्मा दीप मध्यप्रदेश, डॉ.सुमन मेहरोत्रा, मुजफ्फरपुर बिहार, अनंत राम चौबे अनंत, डॉ राम शरण सेठ छटहाॅं मिर्जापुर, उत्तर प्रदेश, रामबाबू शर्मा राजस्थानी दौसा(राजस्थैन), शिशिर देसाई सनावद, बृज किशोरी त्रिपाठी, डॉ.पूनम सिन्हा श्रेयसी, हेमलता शर्मा मानस्विनी मध्य प्रदेश, अन्नपूर्णा मालवीया सुभाषिनी उत्तर प्रदेश, रंजू सिन्हा रहे।
कार्यक्रम के अंत में संचालन कर रही सविता राज मुजफ्फरपुर बिहार ने अपनी रचना प्रस्तुत की। कार्यक्रम का विराम डॉ.सुमन मेहरोत्रा के आभार ज्ञापन से हुआ।