पटना, मुकेश महान। बिहार की प्रतिष्ठित और सर्वाधिक पुरानी संस्थाओं में शुमार नाट्य संस्था बिहार आर्ट थियेटर , कालिदास रंगालय के 63वें स्थापना दिवस के अवसर पर 25 जून रविवार को संस्था द्वारा तैयार नाटक कांचनरंग प्रस्तुत किया जाएगा।इस नाटक को निर्देशित कर रहे हैं लगभग 50 वर्षों से रंगकर्म के क्षेत्र में सक्रिय निर्देशक अरुण कुमार सिन्हा। नाट्यकार हैं शंभू मित्र एवं अमित मैत्र।
नाटक का कथ्य सबसे बड़ा रूपैया की कहावत को चरितार्थ करता हुआ प्रतीत होता है। आज पैसे को लेकर मानव मूल्यों में हो रहे ह्रास और अपने से कम पैसे वालों को हीन दृष्टि से देखने की प्रवृति पर करारा चोट करता है। पैसों की कमी के कारण अपने घर में काम कर रहे नौकर–नौकरानियों से किस हद तक इंसान दुर्व्यहार करता है और फिर उसी नौकर के हाथ खजाना लग जाने पर मालिक का व्यवहार तुरंत कैसे और कितना बदल सकता है, इसी को इस नाटक के माध्यम से रेखांकित करने का प्रयास किया गया है।
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खास बात है कि यह नाटक बिहार आर्ट थियेटर की पसंदीदा प्रस्तुति है। संस्था की स्थापना से अब तक इसकी सैंकड़ों प्रस्तुति हो चुकी है। कल होने वाले प्रस्तुति में यदु गोपाल बाबू की भूमिका में विष्णु देव कुमार विशु,गृह स्वामी की पत्नी अनामिका सिन्हा,किराएदार–उज्जवला गांगुली, पांचू नौकर– सिद्धार्थ कुमार, तरला– नौकरानी, रितु राज, अमर बड़ा बेटा–वीर कश्यप, समर छोटा बेटा–रोबिन, सीमा बेटी –कोमल श्रीवास्तव सहित पंकज कुमाररोहित राज, प्रवीण कुमार को दर्शक मच पर अभिनय करते देखेंगे।नाटक में प्रकाश राज कुमार शर्मा की होगी तो संगीत एवं रूप सज्जा– उपेंद्र कुमार करेंगे। रूप सज्जा में प्रवीण कुमार का सहयोग रहेगा। प्रस्तुति में सहयोग प्रदीप गांगुली की होगी। इस प्रस्तुति के सहायक निर्देशक सुमित आर्य है।प्रस्तुति नियंत्रण एवं उद्घोषणा गुप्तेश्वर कुमार की होगी।