पटना, संवाददाता। 8वें प्रेमनाथ खन्ना स्मृति आदि शक्ति सम्मान समारोह-2023 की तीसरी संध्या लघुकथा के नाम रही। ग्यारह लघुकथाकारों की 111 लघुकथाओं का साझा संग्रह जरा आहिस्ता चल, गजल संग्रह कैनवास में ग़ज़लें सहित ममता मेहरोत्रा की कुल तीन पुस्तकों का लोकार्पण आज हुआ।
खादी मॉल सभागार में विशाल पब्लिकेशन द्वारा प्रकाशित इन पुस्तकों का लोकार्पण करते हुए रांची विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. तपन कुमार शांडिल्य ने कहा कि ममता मेहरोत्रा बहुत ही संवेदनशील रचनाकार हैं और इन्होंने लघुकथा, कविता, कहानी, नाटक, उपन्यास, संस्मरण सहित विभिन्न विधाओं में पांच दर्जन से अधिक पुस्तकों की रचना की है।
मुख्य अतिथि आईपीएस अधिकारी विकास वैभव ने कहा कि प्रकृति के सत्य रूप को समझने के लिए साहित्य मन जरूरी है। सृजन और सृजनात्मकता मानव कल्याण के लिए बहुत जरूरी है। संपादक ममता मेहरोत्रा ने कहा कि साहित्य समाज को सही राह दिखाता है। उद्योग विभाग, बिहार के विशेष सचिव और कवि दिलीप कुमार ने कहा कि लघुकथा साहित्य की बहुत ही समृद्ध विधा है।
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वरिष्ठ गजलकार अनिरुद्ध सिन्हा की अध्यक्षता में इस अवसर पर लघुकथा संग्रह जरा आहिस्ता चल में शामिल लघुकथाकारों डॉ ध्रुव कुमार, चितरंजन भारती, प्रभात धवन, अनिल रश्मि, विभा रानी श्रीवास्तव, अपराजिता रंजन, अमृता सिन्हा, प्रवीण श्रीवास्तव सहित मीना परिहार, वीरेंद्र भारद्वाज, सिद्धेश्वर, बिंदेश्वर प्रसाद गुप्ता, डॉ नीलू अग्रवाल ने भी अपनी लघुकथाओं का पाठ किया।
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कैनवास में ग़ज़लें पुस्तक में शामिल नसीम अख्तर, समीर परिमल मीरा व्यास, आलोक चोपड़ा, रोहित कुमार, नसीम अख्तर, लव कुमार सिंह, सुधा मिश्रा ने भी विचार व्यक्त किए।
संचालन अखिल भारतीय प्रगतिशील लघुकथा मंच के महासचिव डॉ ध्रुव कुमार ने किया जबकि धन्यवाद ज्ञापन विभा सिंह ने किया है।