अहमदाबाद, संवाददाता। सामयिक परिवेश गुजरात इकाई ने 18 अगस्त को एक ऑनलाइन काव्य गोष्ठी का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में पटल की पत्रिका का विमोचन भी किया गया। पत्रिका रचनाकारों की एक से बढ़ कर एक रचनाओं से अटी पड़ी हैं।
काव्य गोष्ठी का आरंभ डॉ. मीना कुमारी परिहार ने अपने सुमधुर स्वर में सरस्वती वंदना से किया। संस्थाध्यक्ष उदबोधन में ममता मेहरोत्रा ने अपने विचार प्रस्तुत करते हुए कार्यक्रम आयोजन के लिए पटल को धन्यवाद दिया और कहा कि ऐसे कार्यक्रम की निरंतरता बनी रहनी चाहिए, इससे साहित्यकारों और रचनाकारों को अपनी नई रचना के लिए नई साहित्यिक ऊर्जा मिलती है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता जय प्रकाश अग्रवाल ने किया।उन्होंने सामयिक परिवेश को सर्वश्रेष्ठ संस्था बताते हुए कहा कि आज जहां नई पीढी में साहित्य और रचना की संस्कृति समाप्त प्रायः हो रही है वहीं सामयिक परिवेश इसके लिए संजीवनी बन कर सामने आया है। मुख्य अतिथि डॉ.सुनील कुमार उपाध्याय ने भी बहुत ही शानदार उद्बोधन दिया।
कार्यक्रम का संयोजन एवं संचालन सविता राजकर रही थी। काव्यगोष्ठी में रचनाकारों ने अपनी एक से बढ़ कर एक रचनाएं प्रस्तुत की, इनकी रचनाओं ने पटल को भव्यता प्रदान की। इनमें ज्यादातर रचनाएं सावन, बादल एवं भारत माता और देशभक्ति पर थी।
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काव्यपाठ करने वालों में डॉ.सुमन मेहरोत्रा, मुजफ्फरपुर बिहार, डॉ मीना कुमारी परिहार, बिहार, डॉ राम शरण सेठ, छटहां, मिर्जापुर, ईश्वर चंद्र जायसवाल, संत कबीर नगर (उत्तर प्रदेश), जयप्रकाश अग्रवाल, काठमांडू, नेपाल, अनन्तराम चौबे अनन्त, जबलपुर मप्र, प्रो. डॉ. पुष्पा गुप्ता, डॉ. सुनील कुमार उपाध्याय, बृज किशोरी त्रिपाठी, अंजु भारती, माधवी लता, डॉ बांका बहादुर अरोड़ा, डॉ. कुमारी चंदा मध्यप्रदेश और आरती तिवारी दिल्ली से थे। R
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कार्यक्रम के अंत में संचालन कर रही सविता राज ने अपनी रचना प्रस्तुत की। कार्यक्रम का विराम डॉ. सुमन मेहरोत्रा के आभार ज्ञापन से हुआ।
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