नई दिल्ली। दुनिया में इस समय सबसे ज्यादा चर्चा कोरोना वैक्सीन को लेकर है। हर कोई पूछ रहा है कि उन्हें वैक्सीन कब मिलेगी। बताया जा रहा है कि 11 दिसंबर से अमेरिका में कोरोना वैक्सीन आम लोगों के लिए उपलब्ध हो जाएगी। वहीं, ब्रिटेन में भी इस साल ही वैक्सीन अभियान शुरू हो सकता है। पर भारत में आते-आते अगले साल की पहली तिमाही तक का वक्त लग सकता है। भारत सरकार को उम्मीद है कि जुलाई 2021 तक उसे 40 से 50 करोड़ डोज मिल जाएंगी। इनकी मदद से 20-25 करोड़ भारतीयों का टीकाकरण हो सकेगा। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कहा है कि प्राथमिकता उन लोगों को दी जाएगी, जिन्हें संक्रमण का खतरा ज्यादा है। इन लोगों में हेल्थकेयर फ्रंटलाइन वर्कर्स के अलावा 50 साल से ज्यादा उम्र के लोग और ऐसे लोग शामिल हैं, जिन्हें अन्य बीमारियां हैं। सरकार जुलाई 2021 तक इन सभी का टीकाकरण करना चाहती है। सबसे पहले हेल्थ वर्कर को कोरोना वैक्सीन दी जाएगी। प्राथमिकता के आधार पर देश के एक करोड़ फ्रंटलाइन हेल्थ वर्कर्स की लिस्ट बना ली गई है। वैक्सीन उपलब्ध होते ही इनका टीकाकरण शुरू कर दिया जाएगा। इसके बाद फ्रंट लाइन वर्कर, पुलिस और पैलामिलिट्री फोर्स को वैक्सीन लगाई जाएगी। इसके बाद 65 साल से ऊपर के उम्र के लोगों को कोरोना वैक्सीन लगेगी। फिर 50 साल से अधिक के उम्र वाले लोगों को और फिर को-मॉर्बिडिटी वाले मरीजों को।
भारत की नजर मुख्य रूप से चार वैक्सीन पर है। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका ने मिलकर कोरोना वैक्सीन बनाई है। भारत में यह वैक्सीन सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया के जरिए उपलब्ध होगी। इसके अलावा, रूस की स्पुतनिक-V की हालिया रिपोर्ट बताती है कि यह पहले डोज में पर्याप्त इम्यूनिटी विकसित करती है। वहीं भारत बायोटेक, आईसीएमआर और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी- पुणे स्वदेशी कोवाक्सिन बना रहे हैं। इन तीन के अलावा चीन की पांच वैक्सीन तीसरे फेज के ट्रायल में हैं। देश में संक्रमण के कुल 92.2 लाख मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से 86 लाख से अधिक लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं। वहीं मृतकों की संख्या 1.35 लाख हो गई है।