वाशिंगटन। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, 20 जनवरी को पदभार ग्रहण करने के बाद अपनी पहली बड़ी विदेश नीति संबधी भाषण में, बाइडेन ने गुरुवार को अपनी पूर्ववर्ती डोनाल्ड ट्रंप के ‘अमेरिका फर्स्ट’ दृष्टिकोण के विपरीत कूटनीति, गठबंधन, बहु-पक्षवाद और मूल्यों पर केंद्रित अपनी विदेश नीति के दृष्टिकोण को रेखांकित किया।
बाइडेन ने भाषण में यमन संघर्ष, जर्मनी में अमेरिकी सेना की उपस्थिति और शरणार्थी मुद्दों के बारे में कई नीतिगत बदलावों का भी खुलासा किया।
उन्होंने कहा कि रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन यह सुनिश्चित करने के लिए नीति की समीक्षा शुरू करेंगे।
उन्होंने कहा, “और जब यह समीक्षा हो रही है, हम जर्मनी से किसी भी नियोजित सेना की वापसी को रोकेंगे।”
पूर्ववर्ती ट्रंप प्रशासन ने पिछली गर्मियों में जर्मनी में तैनात लगभग 12,000 अमेरिकी सैनिकों के लिए एक रीपोजिशनिंग प्लान की घोषणा की थी, एक विवादास्पद कदम जिसकी देश और विदेश में आलोचना हुई थी।
बाइडेन ने यमन संघर्ष पर पिछले प्रशासन के रुख को भी उलट दिया।
उन्होंने कहा, “हम यमन में युद्ध में आक्रामक अभियानों के लिए प्रासंगिक हथियारों की बिक्री सहित सभी अमेरिकी समर्थन को खत्म कर रहे हैं।”
उन्होंने कहा कि अमेरिका कूटनीति को आगे बढ़ाएगा और युद्ध को समाप्त करने के लिए संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व वाली पहल का समर्थन करेगा। इस युद्ध को उन्होंने ‘मानवीय संकट और रणनीतिक तबाही’ कहा।