नई दिल्ली / एजेंसी।
‘वेलेंटाइन डे’ का मौसम आ चुका है। जी हां, 7 फरवरी को ‘रोज डे’ के साथ इश्क का हफ्ता शुरू हो रहा है, जो 14 फरवरी यानी वेलेंटाइन डे तक चलेगा। इस बीच प्रपोज डे, चॉकलेट डे, टेडी डे, प्रोमिस डे, हग डे और किस डे आएंगे। लेकिन जरूरी नहीं कि इस वेलेंटाइन डे आप भी सिंगल से मिंगल हो जाएं। ऐसे में एक शख्स है जो बीते तीन वर्षों से ‘किराए पर बॉयफ्रेंड’ बनता आ रहा है। ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे ने इस शख्स की कहानी शेयर की है जो लोगों को बड़ी दिलचस्प लग रही है!
शकुल का कहना है कि उनकी जिंदगी में अब तक कोई गर्लफ्रेंड नहीं रही है। मैं बस एक बार किसी को ‘हां’ कहना चाहता हूं! अगर ‘रिजेक्शन’ का कोई समानार्थी शब्द होता तो वह मेरा नाम ‘शकुल’ होता! मुझे अपने दोस्तों को डेट पर जाते देख काफी दुख होता था, जिससे उबरने के लिए मैं खुद के साथ निकल जाता था। मैं उन्हें समझ सकता हूं जो जिंदगी अकेले गुजारते हैं, वैसे भी कोई खुद से कितना प्यार कर सकता है? वेलेंटाइन डे मुझे ये बताता है कि मैं गर्लफ्रेंड बनाने के मामले में कितना कमजोर हूं। जब कपल्स को एक दूसरे को ‘आई लव यू’ कहते सुनता तो दिल दुखता था। ऐसा नहीं था कि मैंने लड़कियों को प्रपोज नहीं किया। लेकिन महिलाएं मुझे एक ‘दोस्त’ के तौर पर ही पसंद करती थीं।मैंने उन लड़कियों के बारे में सोचना शुरू किया जो वेलेंटाइन डे पर मेरे जैसे साथी पाने की चाहत रखती हैं। इसलिए पिछले 3 सालों से मैं 14 फरवरी को Boyfriend on Rent होता हूं। इसे लेकर मैंने एक ऑनलाइन पोस्ट डाली थी- मैं एक शानदार और खुले विचारों वाला बंदा हूं। मैं इस वेलेंटाइन डे आपको सिर रखने के लिए कंधा दे सकता हूं या फिर दोस्त बनकर आपके दिन को खास बना सकता हूं।
फिर क्या, मुझे बहुत सी महिलाओं के संदेश आए, जो इसमें इंट्रस्टीड थीं!सही बताऊं, मुझे ‘बॉयफ्रेंड ऑन रेंट’ बनने में कोई शर्म नहीं है। मैं एक बार एक लड़की के साथ डेट पर गया था। वह रो रही थी। उसने कहा- मुझे इसका बुरा लगता है कि कोई लड़का मेरे वजन के कारण मेरे साथ नहीं होना चाहता। वहीं एक अन्य लड़की ने मुझसे पूछा था कि क्या आप मुझे गले लगा सकते हैं? ऐसे ही मैं बहुत सी लड़कियों से मिला और उनके अकेलेपन को बांटने की कोशिश की!इसका सबसे अच्छा हिस्सा है कि इन डेट्स के साथ मुझे नए-नए दोस्त भी मिलते जाते हैं। लेकिन ट्रोलर्स द्वारा सोशल मीडिया पर ‘बॉयफ्रेंड ऑन रेंट’ कॉन्सेप्ट का खूब मजाक बनाया गया। कुछ ने तो मुझे एक ‘जिगलो’ भी कह दिया। मेरे परिवार वालों ने भी मुझे ऐसे देखा मानो उन्होंने मेरी परवरिश में कोई कमी छोड़ दी हो। उन्होंने कहा- यह भारत की संस्कृति नहीं है। मुझे नहीं लगता कि लोग ये समझे हैं कि मैं ऐसा क्यों करता हूं।भले ही मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है, लेकिन मैं बीते 3 वर्षों में शानदार महिलाओं के साथ 45 से अधिक डेट्स पर जा चुका हूं। यह सच है- जब दो अकेला महसूस करने वाले मिलते हैं, तो फिर अकेलापन कहीं खो जाता है और मुझे लगता है कि यह काफी खास है!