नई दिल्ली। फास्टैग जारी करने वाले बैंकों की तरफ से सिक्योरिटी मनी के अलावा मिनिमम बैलेंस की भी बाध्यता की गई थी। जिसके कारण वाहन चालकों को कई बार टोल प्लाजा पर दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। मिनिमम बैलेंस मेंटेन न होने पर वह हाईवे के टोल प्लाजा से गुजर नहीं पाते थे। एनएचएआई ने यह निर्णय लिया है कि अगर किसी यूजर का खाता निगेटिव नहीं है, भले ही उसमें मिनिमम बैलेंस न हो, फिर भी वह टोल प्लाजा से गुजर सकता है। यदि टोल से गुजरने के बाद उसके खाते में पैसा नहीं बचता, तो फिर बैंक सिक्योरिटी मनी से धनराशि बैंक काट सकता है। हालांकि, यूजर को अगली बार रिचार्ज के समय सिक्योरिटी मनी मेंटेन करना होगा।
2.54 करोड़ यूजर्स के साथ देश में कुल टोल कलेक्शन में फास्टैग का योगदान 80 प्रतिशत है। प्रतिदिन फास्टैग के माध्यम से टोल कलेक्शन 89 करोड़ के आंकड़े को पार कर गया है। 15 फरवरी से टोल प्लाजा पर फास्टैग से टोल टैक्स भरना अनिवार्य हो जाएगा। एनएचएआई का लक्ष्य सौ प्रतिशत कैशलेस टोल टैक्स वसूली पर है।