नई दिल्ली। किसान आंदोलन को भड़काने में शामिल कई सोशल मीडिया अकाउंट को बंद करने को लेकर सरकार के दिशा-निर्देशों की अनदेखी करने पर जारी गतिरोध के बीच भाजपा की तरफ से फेसबुक और ट्विटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर नियंत्रण की मांग उठी है। भाजपा सांसद और भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या ने एक बार फिर यह मांग दोहराई है। काबिलेगौर है कि तेजस्वी सूर्या आईटी मामलों की स्टैंडिंग कमेटी के सदस्य भी हैं। ताजे प्रकरण के बाद पिछले साल 3 सितंबर को प्रधानमंत्री मोदी को लिखा उनका पत्र सुर्खियों में है, जिसमें वह फेसबुक और ट्विटर जैसे अनियंत्रित सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को लोकतंत्र के लिए बड़ा खतरा बताते हुए रेगुलेशन के लिए सख्त नए-नियम कायदे बनाने की जरूरत बता चुके हैं। पार्टी के कई नेताओं का मानना है कि तेजस्वी सूर्या ने जो मुद्दे अपने पत्र में उठाए हैं, उस दिशा में सरकार को कार्रवाई करने की जरूरत है।
दरअसल, बेंगलुरु दक्षिण लोकसभा सीट से सांसद तेजस्वी सूर्या ने तीन सितंबर 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में आईटी रूल्स 2011 के 3(2), 3(4) और 3(5) के नियमों को मॉडिफाई करने की जरूरत बताई है। तेजस्वी सूर्या का कहना के देश में एक आंकड़े के मुताबिक सोशल मीडिया के करीब 80 करोड़ यूजर्स हैं। ऐसे में आईटी से जुड़े पुराने नियमों की समीक्षा कर इन सोशल मीडिया प्लेटफार्म के लिए नए नियम-कायदे बनाने की जरूरत है।
तेजस्वी सूर्या ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म से जुड़े हालिया कई विवादों को देखते हुए पुरानी गाइडलाइंस हटाकर नई जारी करने की मांग की है। कहा है कि पुराने लचीले नियमों का सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म नाजायज फायदा उठा रहे हैं। अब परिस्थितियां काफी बदल गईं हैं और नई गाइडलाइंस की जरूरत है। नई गाइडलाइंस में सभी सोशल मीडिया प्लेटफार्म की परिभाषा स्पष्ट हो।
बता दें कि केंद्र सरकार के सूचना एवं प्रौद्यौगिकी मंत्रालय ने गलत सूचनाओं के जरिए किसान आंदोलन को भड़काने में शामिल 1,100 ट्विटर अकाउंट की पहचान कर उन्हें बंद करने का निर्देश दिया था। मगर, ट्विटर ने करीब 500 ट्विटर अकाउंट बंद करने के बाद अन्य अकाउंट के खिलाफ यह कहकर कार्रवाई करने से इनकार कर दिया कि सरकार की इच्छा के मुताबिक, सभी को बंद नहीं किया जा सकता। भारतीय कानूनों के हिसाब से ही अकाउंट ब्लॉक किए गए हैं। ट्विटर के इस जवाब पर तेजस्वी सूर्या ने कहा, “लगता है कि ट्विटर खुद भारतीय कानूनों के ऊपर है। यह खुद तय करता है कि किस कानून का पालन करना है या नहीं।
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