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परीक्षण के विभिन्न चरण में हैं 18-19 कोरोनारोधी वैक्सीन : हर्षवर्धन

नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि देश में अभी करीब 18-19 कोरोना वैक्सीन का ट्रायल चल रहा है। सोमवार को उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि कुछ पहले चरण में हैं, कुछ दूसरे चरण में और कुछ चिकित्सीय परीक्षणों के तीसरे चरण में हैं। हमें इस बात की प्रसन्नता है कि निकट भविष्य में हम कोविड महामारी के लिए कई तरह की प्रभावी वैक्सीन विकसित करने में सक्षम होंगे।
मंत्री ने कहा कि जैव प्रौद्योगिकी विभाग को कोविड-19 के खिलाफ संभावित टीकों के विकास के लिए 900 करोड़ रुपये का बजट प्रदान किया गया है।

मीडिया को जानकारी देते केंद्रीय मंत्री डॉ.हर्षवर्धन।


उन्होंने कहा कि इस वायरल बीमारी के खिलाफ संभावित वैक्सीन विकसित करने एवं शोध के उद्देश्य विभाग के लिए पैसा अलग रखा गया है।
हर्षवर्धन ने कहा कि अब से तीन हफ्ते बाद, सरकार 50 साल के ऊपर के 27 करोड़ व्यक्तियों को कोरोनावायरस वैक्सीन की खुराक देना शुरू करेगी। टीकाकरण पर एक विशेषज्ञ समूह इस विषय पर विचार-विमर्श करेगा कि 50 वर्ष से ऊपर के लोगों के लिए टीकाकरण किस तरह किया जाए।
गौरतलब है कि फ्रंटलाइन वर्कर्स के लिए टीकाकरण इस महीने के प्रारंभ में ही शुरू हुआ था।
टीकाकरण प्रक्रिया में निजी स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र की भूमिका पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि इस तरह की सुविधाएं और कार्यकर्ता पहले से ही इस पहल का हिस्सा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि आपातकालीन उपयोग प्राधिकारों (ईयूए) के दौरान चीजों को नियंत्रण में रखना सरकार की जिम्मेदारी है। खुले बाजारों की बिक्री ईयूए का हिस्सा नहीं है।
बहरहाल, मंत्री ने कहा कि पिछले सात दिनों में देश के 188 जिलों में कोविड-19 के कोई भी नए मामले सामने नहीं आए हैं।

महिला को कोविडरोधी वैक्सीन देतीं स्वास्थ्यकर्मी।


हर्षवर्धन ने देश में कोरोना मामलों की संख्या में गिरावट के बावजूद सामाजिक दूरी और उचित स्वास्थ्य व्यवहार के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि लोग कोविड नियमों का पालन करते रहें।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि केंद्रीय बजट 2021-22 में एक नए कार्यक्रम – प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वास्थ भारत योजना – की घोषणा की गई है। यह बजट स्वास्थ्य और स्वास्थ्य सेवा के प्रति समग्र ²ष्टिकोण को दर्शाता है। स्वास्थ्य क्षेत्र को 2020-21 के लिए आवंटन सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 1.8 प्रतिशत है।
केंद्र सरकार ने 30 करोड़ भारतीयों के टीकाकरण को प्राथमिकता दी है। उन्हें तीन श्रेणियों में विभाजित किया है – एक करोड़ स्वास्थ्य कार्यकर्ता, 2 करोड़ फ्रंटलाइन कार्यकर्ता और 50 वर्ष से अधिक आयु के 27 करोड़ की सामान्य आबादी।