पटना. पार्टी कार्यालय से लौटने के क्रम में मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से बातचीत की। कोरोना के दौर में विधानमंडल सत्र शुरु होने के संबंध में पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट का पूरा सेशन पहले ही प्रकाशित हो चुका है। बजट सेशन पहले की तरह ही रखा गया है। सबको मालूम है कि बिहार में कोरोना की अधिक से अधिक जांच हुयी है और इलाज भी बेहतर तरीके से होने से स्थिति इम्पू्रव हुयी। लोगों को आगे के लिए भी सचेत रहने की जरुरत है। टीकाकरण का कार्य दो खंडों में चल रहा है, जिसमें अब 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों तथा 50 वर्ष से कम उम्र के गंभीर बीमारियों से ग्रसित लोगों का टीकाकरण कराया जाएगा। टीकाकरण का कार्य पूरे देश में कराया जा रहा है। अपने देश की वैक्सीन बाहर के कई देशों में भी जा रही है, जिसका लाभ लोगों को मिल रहा है। कोरोना से बचाव को लेकर काम किया जा रहा है। कोरोना को ध्यान में रखते हुए सबलोगों को कॉन्शस रहने के लिए लगातार कहा जा रहा है। विधानसभा और विधान परिषद में सभी लोगों को मॉस्क लगाने के साथ-साथ अन्य जरुरी सावधानी बरतने को कहा गया है। हमलोगों को पूरी उम्मीद है कि सभी लोग सचेत रहेंगे तो किसी प्रकार की समस्या नहीं आएगी।
आरक्षण के मुद्दे पर छिड़ी बहस के संबंध में पूछे गए सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हमको नहीं पता है कि ऐसी कोई बहस छिड़ी है कि जिन्हें आरक्षण का लाभ मिल रहा है उनको आरक्षण का लाभ नहीं मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि बिहार में अपने यहां का आरक्षण का नियम लागू है और केंद्र का भी जो आरक्षण नियम है वह भी लागू है। आर्थिक आधार पर भी आरक्षण का प्रावधान लागू कर दिया गया है। मेरे हिसाब से ऐसा नहीं लगता है कि आरक्षण का जो प्रावधान है वह प्रावधान नहीं चलेगा। हमलोगों के यहां पिछड़ा वर्ग, अति पिछड़ा वर्ग दो अलग-अलग वर्ग चिन्हित हैं, जो जननायक कर्पूरी ठाकुर जी की सरकार ने लागू किया था, वह आज भी चल रहा है। हमलोग चाहते हैं कि ये केंद्र में भी लागू हो जाए। केंद्र में यह एक ही प्रकार से चिन्हित है। अगर लोगों को विभिन्न प्रकार से उसमें भी आरक्षण का लाभ मिलेगा तो अच्छी बात होगी।
उन्होंने कहा कि आरक्षण के प्रावधान में अगर कोई परिवर्तन की बात है, उसके बारे में अगर आकलन या अध्ययन चल रहा है तो यह अलग बात है लेकिन किसी को वंचित करने वाली बात हमने नहीं सुनी है।
मुख्यमंत्री ने विभिन्न दलों के नेताओं से मुलाकात के सवाल पर कहा कि आप जानते हैं कि मुख्यमंत्री की जिम्मेवारी मेरे ऊपर है, जिसके चलते किसी भी दल के एमएलए, एमएलसी, लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य मिल सकते हैं। जो कोई भी मिलना चाहते हैं उन्हें मिलने का समय दिया जाता है। किन्हीं को अपने इलाके की समस्या है तो आकर मिलते हैं। अपने क्षेत्र की बातों को लेकर नवादा सांसद श्री चंदन जी मिलने आए थे। श्री कन्हैया कुमार जी पहले भी हमसे मिले हैं, उनकी पार्टी के एमएलए भी हमसे क्षेत्र की समस्याओं के संबंध में मिले हैं। किसी प्रकार की कोई राजनीतिक बातें नहीं हुई हैं।
जातीय आधारित जनगणना से संबंधित प्रश्न के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि इस संबंध में हमने पहले भी कई बार कहा है कि जातीय आधारित जनगणना तो एकबार कर ही लेनी चाहिए। ऐसी जनगणना पहले होती थी लेकिन आजादी के पहले ही इसे बंद कर दिया गया। जातीय आधारित जनगणना होने से सही जानकारी मिल जाएगी कि, किस जाति के कितने लोग हैं और उनके लिए क्या किया जाना चाहिए। इससे इनके संबंध में निर्णय लेने में मदद मिलेगी। ये सिर्फ हम ही नहीं चाहते हैं बल्कि विधान सभा और विधान परिषद के सभी सदस्यांे ने सर्वसम्मति से इस संबंध में प्रस्ताव पास कर केंद्र को भेजा है। विधान परिषद की खाली पड़ी सीटों को विधानमंडल सत्र शुरु होने के पूर्व भरे जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि आपको मालूम है कि हम सबकुछ करना चाहते हैं।